Hearing on New Waqf law: वक़्फ़ मामले पर शुरू हुई सुप्रीम कोर्ट में जिरह.. बोर्ड से जुड़े 72 याचिकाओं में से 10 पर आज सुनवाई.. केंद्र को नोटिस जारी

केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि वक्फ कानून को लाने से पहले संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने 38 बैठकें कीं, 98 लाख से ज्यादा ज्ञापन देखे और फिर दोनों सदनों ने इसे पास किया। बहरहाल अब इस मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में फिर से सुनवाई होगी।

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  • Publish Date - April 16, 2025 / 06:13 PM IST,
    Updated On - April 16, 2025 / 06:17 PM IST

Hearing in SC on new Waqf law First Day || Image- IBC24 News File

HIGHLIGHTS
  • वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई।
  • मुस्लिम संगठनों ने सरकारी हस्तक्षेप और वक्फ ट्रिब्यूनल पर आपत्ति जताई।
  • कपिल सिब्बल ने संशोधित कानून के प्रावधानों पर सवाल उठाए।

Hearing in SC on new Waqf law First Day : नई दिल्ली: वक्फ कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट रूम में भारी भीड़ देखने को मिली। हालात ये रहे कि कई वकील भी कोर्ट रूम में दाखिल नहीं हो पाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर दायर कुल 70 से अधिक याचिकाओं में से फिलहाल 10 याचिकाओं को चुनकर उनकी एक साथ सुनवाई शुरू की है। इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस के वी विश्वनाथन की तीन सदस्यीय पीठ कर रही है।

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इनकी याचिकाओं पर सुनवाई

जिन 10 याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई हुई, उनमें AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, विधायक अमानतुल्लाह खान, एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स, मुस्लिम धर्मगुरु अरशद मदनी, समस्त केरल जमीयतुल उलेमा, अंजुम कादरी, तैयब खान सलमानी, मोहम्मद शफी, मोहम्मद फजलुर्रहीम और राजद सांसद मनोज झा द्वारा दाखिल याचिकाएं शामिल हैं।

क्या है वक्फ कानून को लेकर आपत्ति?

Hearing in SC on new Waqf law First Day : नए वक्फ कानून को लेकर मुस्लिम संगठनों की प्रमुख आपत्ति यह है कि इससे सरकारी हस्तक्षेप बढ़ सकता है। खासकर सेक्शन 40 पर विवाद है, जिसमें वक्फ बोर्ड को किसी जमीन को वक्फ घोषित करने का अधिकार है। लेकिन अब यह निर्णय लेने की जिम्मेदारी वक्फ ट्रिब्यूनल के बजाय डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर को देने की बात कही जा रही है।

पहले के कानून में, अगर कोई जमीन लंबे समय से वक्फ के उपयोग में थी तो उसे वक्फ संपत्ति मान लिया जाता था, भले ही कागजात न हों। लेकिन संशोधित कानून में अब यह प्रावधान हटा दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?

सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने सुझाव दिया कि याचिकाओं को किसी एक हाईकोर्ट को भेजने पर विचार किया जा सकता है, हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट खुद भी इन याचिकाओं पर सुनवाई कर सकता है।

Hearing in SC on new Waqf law First Day : वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने संशोधित कानून पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह प्रावधान गलत है कि केवल मुसलमान ही वक्फ बना सकते हैं, और वह भी वही जो पिछले 5 सालों से इस्लाम का पालन कर रहे हों। उन्होंने पूछा, “राज्य यह कैसे तय कर सकता है कि मैं मुसलमान हूं या नहीं?”

वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिकाओं को हाईकोर्ट भेजे जाने का विरोध करते हुए कहा कि वक्फ कानून पूरे देश पर लागू होता है, इसलिए इसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में ही होनी चाहिए।

वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने कहा कि “वक्फ बाय यूजर” इस्लाम में एक स्थापित परंपरा है और इसे खत्म नहीं किया जा सकता।

Hearing in SC on new Waqf law First Day : इस दौरान केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि वक्फ कानून को लाने से पहले संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने 38 बैठकें कीं, 98 लाख से ज्यादा ज्ञापन देखे और फिर दोनों सदनों ने इसे पास किया। बहरहाल अब इस मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में फिर से सुनवाई होगी।

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वक्फ संशोधन अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पर आप नेता अमानतुल्लाह खान ने कहा, “हमें उम्मीद है कि हमें इस पर राहत मिलेगी। मैं दिल्ली वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष रहा हूं। हमें समझ में नहीं आता कि डीएम को अध्यक्ष और बोर्ड से ज्यादा अधिकार क्यों दिए जा रहे हैं। हमें उम्मीद है कि हमें कोर्ट से न्याय मिलेगा”

सुप्रीम कोर्ट में वक्फ एक्ट पर सुनवाई के दौरान ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा, “जहां तक ​​सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 मामले का सवाल है, कोर्ट में पूरी कार्यवाही बहुत दिलचस्प रही और मुझे लगता है कि यह सकारात्मक दिशा में थी। कोर्ट ने अपने अवलोकन में कहा कि वह संविधान के आलोक में सभी चीजों की जांच करेगी। इस अवलोकन के बाद हमें विश्वास है कि संविधान में दी गई धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी बहाल होगी। कोर्ट ने यह भी कहा है कि पहले से अधिसूचित सभी वक्फ संपत्तियों को विमुद्रीकृत नहीं किया जाना चाहिए।”

वक्फ संशोधन अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पर एडवोकेट एपी सिंह ने कहा, “मैं कोर्ट का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं जहां मैं पिछले 27 सालों से हूं। उन्होंने इस मुद्दे पर जल्द से जल्द सुनवाई की देश के राष्ट्रपति ने भी इस बिल को मंजूरी दे दी है। ममता बनर्जी ने जो कहा है वह गलत है।”

वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर अधिवक्ता बरुण कुमार सिन्हा ने कहा, “वक्फ संशोधन अधिनियम को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई की गई है। दोनों पक्षों को सुना गया, और सुप्रीम कोर्ट कल वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक बैच पर अपनी सुनवाई जारी रखेगा।”

❓ 1. वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को सुप्रीम कोर्ट में क्यों चुनौती दी गई है?

मुस्लिम संगठनों ने अधिनियम की कुछ धाराओं, विशेषकर सेक्शन 40 पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि इससे सरकारी हस्तक्षेप बढ़ेगा और वक्फ संपत्तियों पर समुदाय का नियंत्रण कम होगा।

❓ 2. सेक्शन 40 में क्या बदलाव किए गए हैं?

पहले वक्फ ट्रिब्यूनल यह तय करता था कि कोई ज़मीन वक्फ है या नहीं। नए कानून में यह फैसला जिला कलेक्टर को देने की बात कही गई है, जिससे समुदाय को निर्णय प्रक्रिया से बाहर किया जा सकता है।

❓ 3. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए कितनी याचिकाएं चुनी हैं?

सुप्रीम कोर्ट ने कुल 70 से अधिक याचिकाओं में से 10 प्रमुख याचिकाएं चुनी हैं, जिन पर सुनवाई शुरू की गई है।

❓ 4. क्या यह मामला हाईकोर्ट भेजा जा सकता है?

मुख्य न्यायाधीश ने सुझाव दिया कि इसे एक हाईकोर्ट को भेजा जा सकता है, लेकिन अन्य वरिष्ठ वकीलों ने कहा कि चूंकि यह कानून पूरे देश पर लागू होता है, इसलिए सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में ही होनी चाहिए।

❓ 5. कोर्ट ने अब तक क्या संकेत दिए हैं?

कोर्ट ने कहा कि वह संविधान के आलोक में सभी बिंदुओं की जांच करेगा और पहले से अधिसूचित वक्फ संपत्तियों को विमुद्रीकृत नहीं किया जाना चाहिए। इससे मुस्लिम संगठनों को कुछ सकारात्मक संकेत मिले हैं।