27000 जवानों की छटनी करने की तैयारी कर रही है इंडियन आर्मी, हर साल होगी करोड़ों रुपए की बचत

27000 जवानों की छटनी करने की तैयारी कर रही है इंडियन आर्मी, हर साल होगी करोड़ों रुपए की बचत

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  • Publish Date - August 13, 2019 / 11:43 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:54 PM IST

नई दिल्ली: एक ओर जहां विपक्ष लगातार रोजगार के नाम पर मोदी सरकार को घेरते आई है वहीं, दूसर ओर एक और बुरी खरब सामने आ रही है। खबर है कि इंडियन आर्मी 27,000 जवानों की छटनी कर स​कती है। छटनी किए जाने के पीछे सरकार का ऐसा मानना है कि इससे 1600 करोड़ रुपए की बचत होगी, जिससे बजट का ज्यादा से ज्यादा हिस्सा आधुनिक बनाने पर खर्च किया जा सकेगा। बता दें कि आर्मी में इस वक्त साढ़े बाहर लाख सैनिक और अधिकारी कार्यरत हैं।

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इस संबंध में रक्षा मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया है, लेकिन मंजूरी नहीं मिली है। खबर है कि रक्षा मंत्रालय से मंजूरी के बाद 1.5 लाख सैनिकों की छटनी की योजना का क्रियान्वयन किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में 6-7 साल का समय भी लग सकता है।

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बताया जा रहा है कि आर्मी ऐसे जवानों की छटनी कर सकती है जो सिर्फ संगठन के स्तर पर कार्य करते हैं। यानि जो जवान आर्मी की रेगुलर फील्ड फॉर्मेशन और यूनिट का हिस्सा नहीं है। कोशिश की जा रही है कि सेना को मजबूत, मारक और प्रभावशाली बनाने के लिए इसके साइज में कुछ कटौती की जाए, ताकि सेना के बजट का ज्यादा हिस्सा उसे आधुनिक बनाने पर खर्च किया जा सके।

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जानकारी के अनुसार वर्तमान में सेना के बजट का 80 प्रतिशत हिस्सा सैलरी और दिन-प्रतिदनि के खर्चे को पूरा करने में इस्तेमाल हो जाता है। इसके बाद सेना के आधुनिकीकरण के लिए महज 20 प्रतिशत हिस्सा ही बच जाता है जो काफी कम है।

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गौरतलब है कि सेना की यूनिट जैसे मिलिट्री इंजीनियर सर्विस, नेशनल कैडेट कोर्प्स, बोर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन, टेरीटोरियल आर्मी और सैनिक स्कूल के साथ ही सेना के ऑपरेशन के लिहाज से महत्वपूर्ण असम राइफल्स, राष्ट्रीय राइफल्स और स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड में करीब 1,75,000 सैनिक काम करते हैं। ये सैनिक सेना की सामान्य स्टैंडिंग आर्मी का हिस्सा नहीं है और अन्य नॉन कोर एक्टिविटीज से जुड़े हैं। सेना इन्हीं यूनिटों से फिलहाल 27,000 सैनिकों की छंटनी करने पर विचार कर रही है।

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