हैदराबाद, 24 दिसंबर (भाषा) अंतरराज्यीय मानव तस्करी गिरोह के ग्यारह सदस्यों को यहां गिरफ्तार किया गया और उनके कब्जे से दो नवजात शिशुओं को बचाया गया। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
पुलिस उपायुक्त (माधापुर क्षेत्र) रीतिराज ने संवाददाताओं को बताया कि विश्वसनीय जानकारी के आधार पर, मुख्य आरोपी को उसके साथियों के साथ मियापुर थाना क्षेत्र से पकड़ा गया, जब वे शिशुओं की बिक्री की प्रक्रिया में थे।
इस मामले में अपनाई गई कार्यप्रणाली के बारे में डीसीपी ने बताया कि आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और बिहार के रहने वाले आरोपियों ने आर्थिक लाभ के लिए नवजात शिशुओं को बेचने के इरादे से एक गिरोह बनाया था।
उन्होंने कहा, ‘वे देश के विभिन्न हिस्सों से उन गरीब परिवारों की पहचान करते हैं, जो अपने नवजात शिशुओं की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में असमर्थ हैं और उन्हें भारी रकम की पेशकश कर अपने शिशुओं को बेचने के लिए प्रेरित करते हैं।’
उन्होंने कहा कि ऐसे कमजोर परिवारों से अवैध रूप से शिशुओं को प्राप्त करने के बाद, आरोपी जरूरतमंद धनी परिवारों को शिशुओं को बेच देते हैं।
पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी वी बाबू रेड्डी आईवीएफ एजेंट के रूप में काम करता है।
वर्तमान मामले के संबंध में, पुलिस ने बताया कि आरोपी अहमदाबाद, गुजरात से एक शिशु को बिचौलियों के माध्यम से उसके जैविक माता-पिता को पैसे देकर लाया था, ताकि बाद में उसे हैदराबाद में निःसंतान दंपतियों को बड़ी रकम में बेचा जा सके।
इसी तरह, आरोपी तेलंगाना के सिद्दिपेट जिले के रामनपेट से एक और शिशु को लेकर आए थे।
बचाए गए दोनों शिशुओं को सुरक्षित रखने के लिए यहां के ‘शिशु विहार’ को सौंप दिया गया है।
पुलिस ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है।
भाषा
राखी दिलीप
दिलीप