Bageshwar Baba Vs Akhilesh | Photo Credit: IBC24
नई दिल्ली: Bageshwar Baba Vs Akhilesh यूपी के इटावा में सामने आया ब्राह्मण और गैर-ब्राह्मण कथावाचकों का मुद्दा अब सियासी गलियारे की नई खुराक बन चुका है। ब्राह्मण बनाम गैर ब्राह्मण की इस सियासी जंग में सपा चीफ अखिलेश यादव ने अब बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को भी निशाने पर ले लिया है और कथावाचकों को मिलने वाली दक्षिणा का नया राग छेड़ दिया, जिसे बीजेपी सीधे-सीधे सनातन का अपमान बता रही है। अखिलेश ने आखिर धीरेंद्र शास्त्री पर ऐसा क्या बयान दिया।
Bageshwar Baba Vs Akhilesh यूपी के इटावा में गैर ब्राह्मण कथावाचकों से हुई बदसलूकी के बाद सियासी वार-पलटवार का दौर बदस्तूर जारी है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर निशाना साधा और कहा कि किसी की हैसियत है कि धीरेंद्र शास्त्री को कथा के लिए अपने घर बुला ले। वो फीस अंडर टेबल लेते हैं। इतना ही नहीं उन्होंने कथावाचकों पर लाखों रुपए लेकर कथा कहने पर भी तंज कसा।
अखिलेश यादव के धीरेंद्र शास्त्री पर तीखा हमला बोलते ही बीजेपी ने आक्रामकता के साथ पलटवार किया और अखिलेश पर तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि- यूपी में सीएम रहते मौलवियों को लाखों करोड़ों की सौगात देने वाले, दान दक्षिणा पर सवाल उठा रहे हैं।
कुलमिलाकर अभी तक तो कथावाचकों की जाति को लेकर घमासान छिड़ा हुआ था, लेकिन अखिलेश का कथावाचकों पर अंडर टेबल पैसे लेने वाले बयान से एक नया सियासी बखेड़ा शुरु हो गया है। ऐसे में सवाल है कि क्या अखिलेश यादव धीरेंद्र शास्त्री के बहाने साधु-संतों और कथावाचकों का अपमान कर रहे हैं और क्या उनका मकसद सनातन की भावनाओं को ठेस पहुंचाना तथा मजहबी तुष्टिकरण करना है?