नाहरकटिया (असम), 24 दिसंबर (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को कहा कि हिंदी भाषी अतिक्रमणकारियों को चरागाह भूमि से बेदखल करने की कार्बी लोगों की मांग को गुवाहाटी उच्च न्यायालय की रोक के कारण तुरंत स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
हिंदी भाषी लोगों द्वारा आदिवासी इलाकों में ग्राम चरागाह रिजर्व (वीजीआर) और व्यावसायिक चरागाह रिजर्व (पीजीआर) भूमि पर अतिक्रमण के आरोपों को लेकर वेस्ट कार्बी आंगलोंग जिले में दोनों समुदाय आमने-सामने हैं।
मध्य असम के वेस्ट कार्बी आंगलोंग जिले के खेरोनी इलाके में मंगलवार को हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई और 38 पुलिस कर्मियों सहित कम से कम 45 अन्य घायल हो गए।
शर्मा ने यहां एक आधिकारिक समारोह के इतर संवाददाताओं से कहा, ‘कार्बी लोगों के एक वर्ग ने वीजीआर और पीजीआर में रहने वाले लोगों को बेदखल करने की मांग की थी। इस संबंध में गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने रोक लगाने का आदेश दिया है। कोई भी अदालत की अनदेखी नहीं कर सकता। अगर मैं कुछ करने की कोशिश करता हूं, तो यह अदालत की अवमानना होगी।’
उन्होंने कहा कि असम सरकार ने उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के आदेशों के बाद ही अब तक विभिन्न जंगलों में बेदखली अभियान चलाया है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पीजीआर और वीजीआर जमीन पर बसे लोगों के अधिकारों पर भी अदालत में चर्चा करनी होगी।
शर्मा ने कहा कि कई बार लोग उनसे अतिक्रमणकारियों को तुरंत हटाने के लिए कहते हैं, लेकिन वह हमेशा उनसे कहते हैं कि कोई भी सरकार कानून और अदालत की अवहेलना करके काम नहीं कर सकती।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘भले ही हम कहते हैं कि हम बेदखल कर देंगे, पुलिस ऐसा नहीं कर सकती, क्योंकि अदालत की अवमानना उन पर लागू होगी। हम निश्चित रूप से आमने-सामने बात करेंगे, और अगर उन्होंने कुछ भी गलत समझा है, तो हम उन मुद्दों का समाधान करेंगे।’’
हालांकि, उन्होंने जोर दिया कि पहली प्राथमिकता हालात को सामान्य बनाना है। शर्मा ने सभी से हिंसा छोड़ने की अपील करते हुए कहा, ”शांतिपूर्ण प्रदर्शन अलग चीज है, लेकिन हिंसा के माध्यम से किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकता।”
कार्बी समुदाय के आंदोलनकारी पिछले 15 दिनों से आदिवासी इलाकों में ग्राम चरागाह रिजर्व (वीजीआर) और व्यावसायिक चरागाह रिजर्व (पीजीआर) भूमि से कथित अवैध निवासियों, जो ज्यादातर बिहार से हैं, को बेदखल करने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर थे।
सोमवार को जब पुलिस तीन आंदोलनकारियों को तड़के विरोध स्थल से ले गई तो वे उग्र हो गए। प्रशासन ने बाद में दावा किया कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने के लिए यह कदम उठाया गया।
वेस्ट कार्बी आंगलोंग जिले के बुरी तरह प्रभावित खेरोनी इलाके में मंगलवार को बड़े पैमाने पर हिंसा हुई, जहां पुलिस गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक अन्य को उसके घर के अंदर जिंदा जला दिया गया। हिंसा में 38 पुलिस कर्मियों सहित 45 अन्य घायल हो गए।
भाषा आशीष दिलीप
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