Medical Insurance Claim

मेडिकल क्लेम के लिए 24 घंटे भर्ती रहना जरूरी नहीं, मेडिकल इंश्योरेंस को लेकर बड़ा अपडेट आया सामने

Medical Insurance Claim मेडिकल इंश्योरेंस करवाने के बाद मेडिकल क्लेम कराने के लिए 24 घंटे एडमिट रहने की जरूरत नहीं

Edited By :   Modified Date:  March 15, 2023 / 01:08 PM IST, Published Date : March 15, 2023/1:08 pm IST

Medical Insurance Claim: अगर आपने भी अपना या अपने परिवार में किसी का मेडिकल इंश्‍योरेंस करा रखा है तो आपके लिए बड़ी अपडेट सामने आई है। मेडिकल इंश्‍योरेंस को क्लेम करने के लिए पहले आपकों 24 घंटे के लिए भर्ती होना पड़ता था इससे कम समय यद‍ि आप अस्‍पताल में एडम‍िट रहे तो मेड‍िकल इंश्‍योरेंस करने वाली कंपनी क्‍लेम को र‍िजेक्‍ट करने के लिए स्‍वतंत्र है। लेकिन अब रूल्स में बदलाव किए गए है।

24 घंटे से पहले ही हो जाता है इलाज

Medical Insurance Claim: लेक‍िन उपभोक्‍ता फोरम के एक आदेश में कहा गया क‍ि मेड‍िकल इंश्‍योरेंस कराने वाला व्‍यक्‍त‍ि 24 घंटे से भी कम में क्‍लेम लेने का हकदार है। वडोदरा कंज्‍यूमर फोरम की तरफ से मेडिकल इंश्योरेंस से जुड़े एक मामले में ऐसा ही फैसला सुनाया गया है। कंज्‍यूमर फोरम का कहना है क‍ि मेडिकल इंश्योरेंस का क्लेम लेने के ल‍िए यह जरूरी नहीं कि व्यक्ति को अस्पताल में 24 घंटे के लिए भर्ती किया गया हो। आजकल आधुन‍िक मशीनों द्वारा इलाज तेजी से हो रहा है और डॉक्‍टर भी मरीज को ड‍िस्‍चार्ज कर देते हैं। ऐसे में कई बार 24 घंटे से भी कम में मरीज को अस्‍पताल में रहने की जरूरत नहीं होती।

मरीज को भुगतान करने का आदेश

Medical Insurance Claim: कंज्‍यूमर फोरम की तरफ से मेडिकल इंश्योरेंस कंपनी को मरीज को भुगतान करने का आदेश दिया गया है। दरअसल, वडोदरा के रहने वाले रमेशचंद्र जोशी ने 2017 में कंज्‍यूमर फोरम में नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। जोशी का कहना था क‍ि उनकी उनकी पत्‍नी को 2016 में डर्मेटोमायोसाइटिस की समस्‍या हुई। इस दौरान इलाज के ल‍िए उन्हें अहमदाबाद के लाइफकेयर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च सेंटर में भर्ती कराया गया था।

क्लॉज का हवाला देकर नहीं द‍िया क्‍लेम

Medical Insurance Claim: डॉक्‍टरों ने इलाज के बाद अगले ही दिन जोशी की पत्‍नी को डिस्चार्ज कर दिया। जोशी ने इंश्‍योरेंस कंपनी से 44,468 रुपए का भुगतान मांगा। लेकिन इंश्योरेंस कंपनी की तरफ से जोशी को भुगतान करने से मना कर द‍िया गया। इंश्योरेंस कंपनी ने क्लॉज 3.15 का हवाला देते हुए भुगतान से इनकार कर द‍िया। इसके खिलाफ जोशी ने उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराई थी। इंश्‍यारेंस कंपनी ने तर्क द‍िया क‍ि मरीज को लगातार 24 घंटे तक भर्ती नहीं करने के कारण क्‍लेम सेटल नहीं क‍िया गया।

फोरम ने सुनाया फैसला

Medical Insurance Claim: जोशी ने उपभोक्ता फोरम के सामने अपने सभी दस्‍तावेज रखकर पैसे द‍िलाने की गुहार लगाई। जोशी ने दावा क‍िया क‍ि उनकी पत्‍नी को 24 नवंबर 2016 की शाम 5.38 पर भर्ती किया गया। इसके अगले द‍िन 25 नवंबर 2016 को शाम 6.30 बजे उनको ड‍िस्‍चार्ज कर द‍िया गया। फोरम ने अपने फैसले में कहा क‍ि यह मान लिया जाए कि मरीज को 24 घंटे से कम समय के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। फिर भी वह मेडिकल इंश्योरेंस का क्‍लेम पाने का हकदार है। आधुनिक युग में इलाज के नए-नए तरीके और दवाएं विकसित हुई हैं, ऐसे में डॉक्टर उसी के अनुसार इलाज करते हैं।

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