इस चीज की खेती कर लाखों रुपए कमा रहीं महिलाएं, सीजन ने बदली किस्मत, अब घर बैठे खुले रोजगार के रास्ते

moti ki kheti मुर्गी-बकरी पालन छोड़ महिलाओं ने शुरू की ‘मोती की खेती’, एक ही सीजन में लाखों की कमाई से बदली तकदीर

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  • Publish Date - December 23, 2022 / 06:30 PM IST,
    Updated On - December 23, 2022 / 06:30 PM IST

moti ki kheti

moti ki kheti: रांची। हौसलों से भरपूर झारखंड की आधी आबादी ने समय-समय पर महिला सशक्तीकरण की मिसाल कायम की है। संजू देवी का नाम भी अब उन महिलाओं में शुमार होने लगा है, जिन्होंने पुराने ढर्रे को छोड़ खुद के बनाए रास्ते पर चलने का काम किया है। महिलाओं का मोती यानी पर्ल से बने आभूषणों के प्रति आकर्षण हमेशा से रहा है। देश-विदेश में मोती की बढ़ती डिमांड को देखते हुए रांची की संजू देवी ने मोती की खेती शुरू की है।

moti ki kheti: इस खेती की खास बात यह है कि मोती की खेती के लिए किसी बड़े तालाब की जरूरत नहीं है, बल्कि घर में ही मोती की खेती संभव है। संजू देवी ने भी अपने ही घर में सीमेंट से बने छोटे-छोटे पानी की टंकी में मोती की खेती की शुरुआत की। संजू देवी अपने घर-गांव में एक यूनिक व्यवसाय शुरू करते हुए गांव की अन्य महिलाओं को भी इससे जोड़ने का काम किया। वे बताती है कि मोती की खेती में मुनाफा काफी अधिक है, लेकिन इसमें भी कई सावधानियां बरतनी पड़ती है।

moti ki kheti: रांची के नगड़ी प्रखंड की रहने वाली संजू देवी मोती की खेती में मुनाफे के संबंध में बताती है कि एक मोती की लागत लगभग 50 रुपये है, जबकि मुनाफा कम से कम 300 रुपये का होता है। मुनाफा मोती की गुणवत्ता पर निर्भर करता है, यदि मोती की क्वालिटी अच्छी होती है, तो उसकी कीमत 300 से लेकर 1500 रुपये तक मिल जाती है। लोग अपने घर के आंगन या छत और अन्य आसमान के नीचे आराम से कर सकते है। सिर्फ सुबह और शाम ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि पहले वे गांव में बकरी और मुर्गी पालन करती थी, उसमें मेहनत ज्यादा थी और मुनाफा काफी कम था, कभी-कभी नुकसान का भी खतरा रहता था, लेकिन मोती की खेती में जोखिम कम है और मुनाफा अधिक है।

moti ki kheti: हालांकि स्वरोजगार के पुराने ढर्रे को पीछे छोड़ कर संजू देवी ने जो मोती की खेती में जो कदम बढ़ाया है। उससे इलाके की अन्य महिलाएं भी काफी प्रभावित हैं। प्रीति देवी उन महिलाओं में से हैं जो संजू देवी से प्रभावित हो कर अब अपने दम पर कुछ नया करके समाज में अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहती हैं। घर के आस-पास में मोती की खेती होना अन्य महिलाओं के लिए भी कौतूहल का विषय बना हुआ है। देवंती देवी उन पलों को याद करती हैं जब मोती की एक छोटी सी अंगूठी लेने के लिए उन्हें बड़े बड़े शोरूम में जाना पड़ता था और हजारों में दाम सुनने पड़ते थे।

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