राजस्थान संकट के लिए गहलोत नहीं जिम्मेदार, पर्यवेक्षकों ने सोनिया गांधी को सौंपी रिपोर्ट, गहलोत अब भी बन सकते हैं अध्यक्ष?
हालांकि इसमें विधायकों की समानांतर बैठक बुलाने वाले प्रमुख नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुसंशा की गई है।
Rajasthan Politics: नई दिल्ली। राजस्थान में लगातार कांग्रेस के अंदर सियासी खींचतान जारी है। कांग्रेस के कई विधायकों ने बगावत कर दी जिसके बाद पार्टी पर्यवेक्षकों को मोर्चा संभालना पड़ा। पार्टी पर्यवेक्षकों ने सियासी संकट के बाद अपनी रिपोर्ट भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दी है। सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में अशोक गहलोत को पर्यवेक्षकों ने इस सियासी संकट के लिए क्लीन चिट भी दे दी है। पर्यवेक्षकों ने उन्हें इस घटनाक्रम के लिए तकनीकी तौर पर कहीं जिम्मेदार नहीं ठहराया है। हालांकि इसमें विधायकों की समानांतर बैठक बुलाने वाले प्रमुख नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुसंशा की गई है।
Rajasthan Politics: राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी और पर्यवेक्षकों ने 9 पन्नों की अपनी रिपोर्ट में सिलसिलेवार ढंग से पूरे राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में बताया है। सूत्रों के मुताबिक, इस रिपोर्ट में राजस्थान सरकार में मंत्री और कांग्रेस विधायक शांतिलाल धारीवाल, प्रताप सिंह खाचरियावास और कांग्रेस नेता धर्मेंद राठौड़ के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई। इसके अलावा कुछ और नेताओं के नाम हैं, जिनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।
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गहलोत अब भी हैं रेस में
Rajasthan Politics: उधर सूत्रों ने साथ ही बताया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अभी अध्यक्ष चुनाव की रेस से बाहर नहीं हुए हैं। वह चुनाव लड़ने को लेकर वेट एंड वाच की स्थिति में हैं। अगर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की तरफ से उन्हें निर्देश मिला, तभी वह अध्यक्ष चुनाव के लिए नामांकन भरेंगे।
बता दें कि राजस्थान संकट के बाद कांग्रेस कार्यसमिति के कुछ सदस्यों ने पार्टी आलाकमान से शिकायत की थी कि गहलोत की जगह किसी दूसरे को उम्मीदवार बनाया जाए। हालांकि आलाकमान अब भी गहलोत को एक मौका देने के मूड में बताया जा रहा है।
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Rajasthan Politics: सोनिया गांधी ने सोमवार को जयपुर से लौटे दोनों पर्यवेक्षकों मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन से लिखित रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा था। जयपुर में विधायक दल की बैठक नहीं हो पाने और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों के बागी रुख अपनाने के बाद खड़गे और माकन सोमवार को दिल्ली लौटे थे तथा कांग्रेस अध्यक्ष के आवास 10 जनपथ पहुंचकर सोनिया गांधी से मुलाकात की थी।
गौरतलब है कि राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार शाम को मुख्यमंत्री आवास पर होनी थी, लेकिन गहलोत के वफादार कई विधायक बैठक में नहीं आए। उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर बैठक की और फिर वहां से विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी से मिलने चले गए और उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया था।
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