New Land law in Uttarakhand: इन 11 जिलों में ‘बाहरी लोग’ नहीं खरीद पाएंगे जमीन.. राज्य सरकार ने लागू किया कानून, पढ़ें क्यों पड़ी इसकी जरूरत

सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि यह सख्त भूमि कानून उद्योगपतियों और नए निवेशकों के लिए बाधा न बने। अधिकारियों के अनुसार, विशेष आर्थिक/औद्योगिक परियोजनाओं के लिए अलग से नीतिगत मार्गदर्शन दिया जाएगा।

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  • Publish Date - May 3, 2025 / 08:09 AM IST,
    Updated On - May 3, 2025 / 08:09 AM IST

New Land law in Uttarakhand || Image- Shri Badarinath Kedarnath Temple Committee

Outsiders will not be able to buy agricultural land in Uttarakhand : देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने राज्य में भूमि खरीद से जुड़े नियमों को सख्त करते हुए ‘भूमि कानून (संशोधन विधेयक)’ को कैबिनेट में मंजूरी दे दी है। नए कानून के तहत राज्य के 13 में से 11 पहाड़ी जिलों में अब बाहरी लोग (राज्य से बाहर के नागरिक) कृषि और बागवानी भूमि नहीं खरीद सकेंगे। यह कदम राज्य की सांस्कृतिक पहचान, संसाधनों और स्थानीय नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए उठाया गया है।

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किन जिलों में लागू होगा प्रतिबंध?

नए भूमि कानून के तहत देहरादून, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, नैनीताल, पिथौरागढ़, चंपावत, अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों में बाहरी नागरिक अब कृषि और बागवानी भूमि नहीं खरीद सकेंगे। केवल हरिद्वार और ऊधम सिंह नगर जिलों को इस कानून से अवसर के रूप में छूट दी गई है, जहां बाहरी लोग अब भी कृषि भूमि खरीद सकते हैं।

क्यों पड़ी इसकी जरूरत?

Outsiders will not be able to buy agricultural land in Uttarakhand: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह निर्णय राज्य की जनता की लंबे समय से चली आ रही मांगों के मद्देनज़र लिया गया है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि, “यह कानून राज्य की सांस्कृतिक विरासत, मूल पहचान और नागरिकों के हितों की रक्षा करेगा। यह कदम अनियंत्रित भूमि अधिग्रहण को रोकने और स्थानीय स्वामित्व को सुनिश्चित करने के लिए जरूरी था,”

क्या थे पुराने नियम?

पूर्व में देश का कोई भी नागरिक उत्तराखंड में 12.5 एकड़ तक की कृषि भूमि खरीद सकता था, और विशेष मामलों में यह सीमा बढ़ाई जा सकती थी। वहीं, आवासीय भूमि की खरीद पर कोई सीमा या प्रतिबंध नहीं था।

नए कानून में क्या बदलाव आएंगे?

  • कृषि और बागवानी भूमि की खरीद पर पूर्ण प्रतिबंध (11 पहाड़ी जिलों में बाहरी लोगों के लिए)
  • आवासीय भूमि की सीमा 250 वर्ग मीटर प्रति परिवार निर्धारित
  • भूमि खरीद के लिए अब जिला मजिस्ट्रेट से अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी
  • बाहरी खरीदारों को शपथपत्र (एफिडेविट) देना होगा जिसमें खरीद के कारण स्पष्ट हों
  • भूमि उपयोग नियमों के उल्लंघन पर सरकार भूमि को अपने कब्जे में ले सकेगी

डिजिटल ट्रैकिंग और नया पोर्टल

Outsiders will not be able to buy agricultural land in Uttarakhand: सरकार अब एक डिजिटल पोर्टल विकसित कर रही है, जिसके जरिए राज्य के बाहर के लोगों द्वारा खरीदी गई हर इंच भूमि पर नजर रखी जाएगी। इससे पारदर्शिता और निगरानी को बल मिलेगा।

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उद्योगों और निवेशकों को मिलेगी राहत

सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि यह सख्त भूमि कानून उद्योगपतियों और नए निवेशकों के लिए बाधा न बने। अधिकारियों के अनुसार, विशेष आर्थिक/औद्योगिक परियोजनाओं के लिए अलग से नीतिगत मार्गदर्शन दिया जाएगा।