आम नागरिकों की भागीदारी से जम्मू-कश्मीर के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में बदलाव आया : उपराज्यपाल

आम नागरिकों की भागीदारी से जम्मू-कश्मीर के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में बदलाव आया : उपराज्यपाल

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  • Publish Date - April 16, 2023 / 05:55 PM IST,
    Updated On - April 16, 2023 / 05:55 PM IST

जम्मू, 16 अप्रैल (भाषा) जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रदेश में बदलाव लाने वाले लोगों की प्रेरक कहानियां साझा करते हुए रविवार को कहा कि उनका प्रशासन केंद्र शासित प्रदेश की ”सच्ची विकास क्षमता” हासिल करने के लिए प्रयासरत है।

उपराज्यपाल ने अपने मासिक ‘आवाम की आवाज़’ रेडियो कार्यक्रम में कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन आम नागरिकों की भागीदारी के साथ केंद्र शासित प्रदेश के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में बदलाव ला रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा सामूहिक प्रयास एक अधिक प्रगतिशील, विकासोन्मुख और आकांक्षी समाज का निर्माण करना है और विकास की दिशा में अगले 25 वर्षों की यात्रा के लिए एक मजबूत नींव रखना है। ’’

सिन्हा ने कहा कि कश्मीर संभाग में ‘पीली क्रांति’ देखी जा रही है, जिसमें तिलहन की फसलों में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई है।

उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘तेल निष्कर्षण और मूल्यवर्धन के अतिरिक्त अवसर होंगे और इसलिए लोगों के लिए अधिक उद्यमशीलता के अवसर होंगे।’’

सिन्हा ने कहा, ‘‘ एक अनुमान के मुताबिक, इस साल केवल कश्मीर में ही 800 करोड़ रुपए के सरसों तेल का उत्पादन होगा। इसके परिणामस्वरूप सरसों के तेल के उत्पादन में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा जम्मू-कश्मीर। ’’

उन्होंने प्रसिद्ध बशोली पेंटिंग को भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग मिलने पर जम्मू-कश्मीर के लोगों को बधाई देते हुए कहा कि यह केंद्र शासित प्रदेश की कलात्मक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

उपराज्यपाल ने स्व-निर्मित महिला उद्यमियों, राजौरी की शालिनी खोखर और पट्टन की शमशादा बेगम की प्रेरक यात्रा को भी साझा किया।

उपराज्यपाल ने स्वच्छ अभियान को जनभागीदारी में बदलने और स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने के लिए अनंतनाग के सादिवारा गांव के सरपंच फारूक अहमद गनी द्वारा शुरू किए गए ‘प्लास्टिक दो और सोना लो’ अभियान की सराहना की।

उपराज्यपाल ने राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार-2023 में विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार प्राप्त करने के लिए उधमपुर की सिरा ग्राम पंचायत, कुपवाड़ा की फालमर्ग और बारामूला की फतेहपोरा ग्राम पंचायत के सरपंच, पंच और जिला प्रशासन को बधाई दी।

सिन्हा ने 60,000 से अधिक पौधे लगाने के लिए जम्मू के बाहरी इलाके अखनूर के गुराह ब्राह्मणा गांव की सोनिया वर्मा के काम की भी सराहना की। उन्होंने नागरिकों से पर्यावरण चेतना के इस प्रेरक उदाहरण का अनुसरण करने को कहा।

उन्होंने कहा, ‘‘ महिला उद्यमी जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और हमने क्षमता निर्माण, क्रेडिट और मार्केटिंग लिंकेज तक आसान पहुंच के लिए उचित कदम उठाए हैं। ’’

भाषा रवि कांत नरेश

नरेश