Contract Employees Regularization / Image Source: IBC24 Customized
Contract Employees Latest News: भोपाल। मध्यप्रदेश वन विभाग में स्थाई और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशशबरी सामने आई है। जी हां, प्रदेश में पहली बार वन विभाग में वनकर्मी की मृत्यु पर अब 10 लाख रुपए की ग्रेजुटी मिलेगी। मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच की मांग के बाद वन विभाग में पहली बार नए ग्रेजुएटी अधिनियम लागू किए गए हैं। वन विभाग के आदेश के बाद अब अन्य विभागों में भी नया ग्रेजुएटी अधिनियम लागू हो सकता है।
पहले दी जाती थी 3.50 लाख रुपये की ग्रेच्युटी
बता दें कि, स्थाई कर्मी और संविदा कर्मियों के लिए ग्रेच्युटी का नियम लागू होगा। इससे वन विभाग में 15 हजार से अधिक स्थाई और संविदा कर्मी को लाभ मिलेगा। मौजूदा और मृत्यु हो चुके कर्मचारियों को भी विभाग ने ग्रेच्युटी के नए नियम में शामिल किया गया है। मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांताध्यक्ष अशोक पांडे ने जानकारी दी कि अब तक वन विभाग में ग्रेच्युटी अधिनियम 1972 के तहत स्थाई और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति या मृत्यु की स्थिति में अधिकतम 3.50 लाख रुपये की ग्रेच्युटी दी जाती थी।
14 साल बाद लागू हुआ नियम
केंद्र सरकार ने ग्रेच्युटी अधिनियम 1972 को बदलकर नया ग्रेच्युटी अधिनियम 2010 लागू किया था, जिसके तहत कर्मचारियों को अधिकतम 10 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी देने का प्रावधान किया गया है। हालांकि, मध्य प्रदेश में 14 साल बाद भी यह अधिनियम पूरी तरह लागू नहीं किया गया। अब इस दिशा में पहल की जा रही है, जिससे वन विभाग के स्थाई और संविदा कर्मियों को पुरानी 3.5 लाख की सीमा के बजाय 10 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा। यह फैसला कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा और उन्हें उनके सेवाकाल के अंत में अधिक आर्थिक सुरक्षा मिलेगी।
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