असम में पहली बार जंगली हाथी के गले में रेडियो कॉलर डाला गया : अधिकारी

असम में पहली बार जंगली हाथी के गले में रेडियो कॉलर डाला गया : अधिकारी

असम में पहली बार जंगली हाथी के गले में रेडियो कॉलर डाला गया : अधिकारी
Modified Date: November 29, 2022 / 07:59 pm IST
Published Date: November 17, 2021 6:45 pm IST

तेजपुर, 17 नवंबर (भाषा) असम में वन विभाग तथा विश्व वन्यजीव कोष की पहल के तहत एक जंगली हाथी के गले में ‘रेडियो कॉलर’ लगाया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

रेडियो कॉलर हाथी की गर्दन पर लगाई जाने वाली एक हल्की बेल्ट होती है। यह उपकरण जीपीएस से लैस होता है और कंप्यूटर या मोबाइल ऐप पर वास्तविक समय पर डेटा एकत्र किया जाता है।

अधिकारियों ने बताया कि सोनितपुर जिले में यह प्रयोग किया गया है क्योंकि वहां जंगली हाथी अक्सर क्षेत्र में धान के खेतों को नष्ट कर देते हैं और यहां तक ​​कि मनुष्यों को भी मार देते हैं।

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हाथी विशेषज्ञ डॉ. कुशल कुंवर शर्मा ने कहा कि अधिकारियों और डॉक्टरों की एक संयुक्त टीम रंगपारा में अडाबारी चाय बागान के पास अमरीबाड़ी वन कार्यालय के तहत एक क्षेत्र में ठहरी हुई है।

प्रारंभ में नर हाथी के गले में रेडियो कॉलर डाला गया था, लेकिन बाद में प्रायोगिक आधार पर मंगलवार शाम को एक हथिनी पर रेडियो कॉलर लगाया गया।

डॉ. शर्मा ने कहा कि रेडियो-कॉलर झुंड के स्थान, समूह में जानवरों की सही संख्या और झुंड द्वारा अपनाए गए मार्ग की पहचान करने में मदद करते हैं। जब भी कोई हाथी मानव बस्ती के आसपास होता है, तो डेटा की निगरानी से पूर्व चेतावनी मिल जाती है।

भाषा जोहेब नरेश

नरेश


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