गुवाहाटी, 29 मार्च (भाषा) कांग्रेस विधायकों ने अपने नेता राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य ठहराये जाने के विरोध में काले कपड़े पहनकर और हाथों में तख्तियां लेकर बुधवार को अपने विधायक आवास से असम विधानसभा तक मार्च किया।
विधानसभा का बजट सत्र सप्ताह भर के अवकाश के बाद बुधवार को सुबह फिर से शुरू हुआ।
कांग्रेस के विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष देवव्रत सैकिया के सरकारी आवास से विधानसभा भवन के द्वार तक मार्च किया। विधायक क्वार्टर दिसपुर इलाके में बड़े विधानसभा परिसर के अंदर स्थित हैं।
असम विधानसभा परिसर के भीतर कांग्रेस के विधायक रकीबुद्दीन अहमद ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमने अपने नेता राहुल गांधी के साथ हुए अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक व्यवहार का विरोध किया। यह लोकतंत्र की हत्या है और हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते।’’
उन्होंने कहा कि पार्टी सदन के अंदर चर्चा की मांग करेगी और दिन में प्रश्नकाल के बाद इसके लिए एक प्रस्ताव पेश करेगी।
विधायकों ने हाथ में तख्तियां ले रखीं थी, जिसपर असमी और अंग्रेजी भाषा में लिखा था, ‘‘ हम राहुल गांधी के साथ हैं’’, ‘‘ लोकतंत्र की हत्या अस्वीकार्य’’, ‘‘राहुल गांधी जिंदाबाद’’, ‘‘लोकतंत्र बचाओ’’ ‘‘तानाशाही नहीं चलेगी’’।
मार्च के बाद काले कपड़े पहने कांग्रेस विधायक सदन में पहुंचे।
गांधी को पिछले सप्ताह 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में सूरत की एक अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इससे गांधी (52) के आठ साल तक चुनाव लड़ने पर रोक रहेगी, जब तक कि कोई उच्च न्यायालय उनकी दोषसिद्धि और सजा पर रोक नहीं लगा देता।
सूरत की अदालत ने गत बृहस्पतिवार को मानहानि के एक मामले में गांधी को दो साल की जेल की सजा सुनाई थी। भाजपा के विधायक पूर्णेश मोदी ने उनकी कथित टिप्पणी के खिलाफ अदालत का रुख किया था।
गांधी ने यह कथित टिप्पणी 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में की थी। उन्होंने कथित तौर पर कहा था, ‘‘ सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही कैसे होता है? ’’
भाषा निहारिका मनीषा
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