नई दिल्ली । हमारे देश में बड़े हर्ष के साथ रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाता हैं। प्राचीन काल से ही इसकी कई मान्यताएं हैं। बहन भाई का कलाई में रक्षा सूत्र बांधती हैं। बदले में भाई अपनी बहन को हर परिस्थित में सुरक्षा प्रदान करने का वादा करता हैं। वैसे तो रक्षाबंधन का पूर दिन शुभ होता है लेकिन अगर हम अपने धर्मग्रंथों में लिखी गई बातों को ध्यान में रखकर इस पर्व को मनाए तो हमारे लिए ये बेहद खास बन जाता हैं। आज के इस विशेष लेख में हम इसी विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
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पैराणिक कथा के अनुसार, भद्रा भगवान सूर्य और छाया की पुत्री है। इस दृष्टिकोण से भद्रा शनि देव की बहन हुईं। कहा जाता है कि जब भद्रा का जन्म हुआ तो वह समस्त सृष्टि को निगलने वाली थीं। साथ ही वे हवन, यज्ञ और पूजा-पाठ इत्यादि मांगलिक कार्यों में विघ्न उत्पन्न की थीं। इसलिए भद्रा काल में राखी नहीं बांधी जाती है।
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