'Ram Setu' will be declared
‘Ram Setu’ will be declared: नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट मंगलवार, 26 जुलाई को भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है, इसमें याचिका में सुब्रमण्यम स्वामी ने ‘राम सेतु’ को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने के लिए मांग की है, जिसे एडम ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने यूपीए सरकार 1 के द्वारा शुरू की गई विवादास्पद सेतुसमुद्रम शिप चैनल परियोजना के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी, जिसके बाद इस परियोजना पर रोक लगा दी गई थी।
इसके बाद सरकार ने एक हलफनामा दायर करते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक दल, पर्यावरणविद और कुछ हिंदु धार्मिक समूह इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं। सरकार ने बताया कि इस परियोजना के तहत मन्नार को पाक जलडमरूमध्य से जोड़ा जाएगा, जिसमें व्यापक ड्रेजिंग और चूना पत्थर के शेलों को हटाकर 83 किलो मीटर लंबा पानी चैनल बनाया जाएगा। इसके साथ ही सरकार के द्वारा कहा गया था कि जहाजों के आने-जाने के लिए रास्ता बनाते समय रामसेतु को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।
‘रामसेतु’ घोषित होगा राष्ट्रीय धरोहर
‘Ram Setu’ will be declared: सुप्रीम कोर्ट ने ‘रामसेतु’ को धरोहर घोषित करने की मांग वाली याचिका पर 26 जुलाई को सुनवाई करने के लिए दिन तय किया है। इस दिन सुप्रीम कोर्ट में ‘रामसेतु’ को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई होगी। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने इस याचिका पर गौर किया है। इसके बाद इस मामले की तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने को कहा था।
जानें कहां है ‘रामसेतु’
राम सेतु एक पुल है जो तमिलनाडु के दक्षिण-पूर्वी तट पर पत्थर के द्वारा बनाया गया था। यह दक्षिण भारत में रामेश्वरम के पास पंबन द्वीप से श्रीलंका के उत्तरी तट पर मन्नार द्वीप तक बना हुआ है। रामायण महाकाव्य के अनुसार सीता को बचाने के लिए श्रीलंका पहुंचने के लिए भगवान राम व उनकी वानर सेना के द्वारा इस पुल का निर्माण किया गया था।