एएफटी में 23 सदस्यों की नियुक्ति की जानकारी के बाद न्यायालय ने स्वत: संज्ञान वाला मामला बंद किया

एएफटी में 23 सदस्यों की नियुक्ति की जानकारी के बाद न्यायालय ने स्वत: संज्ञान वाला मामला बंद किया

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  • Publish Date - November 25, 2022 / 07:11 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:05 PM IST

नयी दिल्ली, 25 नवंबर (भाषा) केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को शुक्रवार को अवगत कराया कि इस माह के शुरू में सशस्त्र बल अधिकरण (एएफटी) में 23 सदस्यों की नियुक्ति की जा चुकी हैं, जिनमें 11 न्यायिक सदस्य शामिल हैं। इसके बाद शीर्ष अदालत ने एएफटी में रिक्त पदों को भरने के लिए 2016 में स्वत: संज्ञान लेकर शुरू की गई कार्यवाही बंद कर दी।

न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ ने 15 नवंबर को अधिकरण में 11 न्यायिक सदस्यों और 12 प्रशासनिक सदस्यों को नियुक्त करने वाली केंद्र की अधिसूचना को रिकॉर्ड पर ले लिया।

पीठ ने कहा, ‘‘इस अदालत ने न्यायिक सदस्यों की नियुक्ति न होने पर प्रासंगिक समय पर स्वत: संज्ञान लिया था। नियुक्ति न होने की वजह से न्यायिक सदस्यों की अनुपस्थिति में न्याय कार्य प्रभावित हुआ और एएफटी के आदेश लागू नहीं किए गए।’’

शीर्ष अदालत ने कहा कि केंद्र ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के जरिये 15 नवंबर, 2022 को जारी अधिसूचना के बारे में पीठ को सूचित किया है।

पीठ ने कहा, ‘‘हम 15 नवंबर, 2022 की अधिसूचना का संज्ञान लेते हैं और कार्यवाही बंद करते हैं। यदि प्रधान पीठ के बार एसोसिएशन को कोई शिकायत है, तो इसे उचित मंच के समक्ष उठाया जाना चाहिए, जिस पर कानून के अनुसार विचार किया जाएगा।’’

शीर्ष अदालत को 20 सितंबर, 2016 को इंडियन एक्स-सर्विसेज लीग के अध्यक्ष और आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल बार एसोसिएशन, लखनऊ के सचिव से एएफटी में अध्यक्ष और न्यायिक सदस्यों की अनुपलब्धता के बारे में दो पत्र प्राप्त हुए थे। इसने पत्रों को रिट याचिकाओं के रूप में मानने का आदेश दिया था और स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्यवाही शुरू की थी।

भाषा सुरेश माधव

माधव