नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने कथित ‘दिल्ली आबकारी नीति घोटाले’ से जुड़े धनशोधन मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व संचार प्रभारी विजय नायर की जमानत याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से सोमवार को जवाब तलब किया।
न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने केंद्रीय एजेंसी को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा।
पीठ ने कहा, ‘यह दलील दी गयी है कि याचिकाकर्ता सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से लगभग दो साल से हिरासत में है और लगातार ईडी की हिरासत में है… नोटिस जारी करें।’
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी और विक्रम चौधरी ने कहा कि नायर लगभग दो साल से जेल में हैं।
मनीष सिसोदिया मामले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 353 गवाह हैं और आज तक मुकदमा शुरू नहीं हुआ है।
नायर को 13 नवंबर, 2022 को गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने अपनी ‘डिफॉल्ट’ जमानत याचिका को खारिज करने वाले निचली अदालत के 29 जुलाई के आदेश को चुनौती दी है।
इससे पहले, उच्च न्यायालय ने पिछले साल तीन जुलाई को धनशोधन मामले में नायर और अन्य सह-आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया था।
धनशोधन का यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक प्राथमिकी से उत्पन्न हुआ है।
दिल्ली के जोर बाग स्थित शराब वितरक ‘‘इंडोस्पिरिट ग्रुप’’ के प्रबंध निदेशक महेंद्रू की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने दिल्ली और पंजाब में करीब तीन दर्जन ठिकानों पर छापेमारी की थी।
मामले में अन्य आरोपी दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पूर्व आबकारी आयुक्त अरवा गोपी कृष्ण, आबकारी विभाग के पूर्व उपायुक्त आनंद तिवारी और पूर्व सहायक आयुक्त पंकज भटनागर हैं।
भाषा सुरेश माधव
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