पक्षियों को मारने पर प्रतिबंध संबंधी आदेश की अनुपालना न करने पर नगर निगम से जवाब मांगा

पक्षियों को मारने पर प्रतिबंध संबंधी आदेश की अनुपालना न करने पर नगर निगम से जवाब मांगा

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  • Publish Date - July 13, 2021 / 01:37 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:01 PM IST

नयी दिल्ली, 13 जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली कृषि विपणन बोर्ड (डीएएमबी) और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) से उस याचिका पर जवाब मांगा जिसमें गाजीपुर मुर्गा मंडी में पक्षियों को मारने पर प्रतिबंध लगाने के आदेश की कथित तौर पर अवज्ञा करने के लिए अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध किया गया है।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा कि 24 सितंबर, 2018 को उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश को देखते हुए, ‘‘हम प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हैं।’’

अदालत ने डीएएमबी, ईडीएमसी और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के वकील को इस मुद्दे पर निर्देश प्राप्त करने और अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया और मामले को आगे की सुनवाई के लिए 27 अगस्त को सूचीबद्ध किया।

एक अंतरिम आदेश में, 24 सितंबर, 2018 को उच्च न्यायालय ने कहा था, ‘‘परिस्थितियों की समग्रता और वैधानिक अधिकारियों, विशेष रूप से ईडीएमसी जिस तरह से कार्य कर रहा है, उसे ध्यान में रखते हुए, हमारे पास क्षेत्र में निर्देश देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है कि गाजीपुर मुर्गा मंडी में अब से पक्षियों के वध की अनुमति नहीं दी जाएगी।’’

अदालत ने पशु अधिकार कार्यकर्ता गौरी मौलेखी द्वारा एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। याचिका में आरोप लगाया गया है कि पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर मंडी में पोल्ट्री पक्षियों का अवैध रूप से व्यापार और वध किया जा रहा है।

एक नई याचिका में उन्होंने अधिकारियों के खिलाफ 2018 के आदेश की कथित रूप से जानबूझकर अवज्ञा और उल्लंघन के लिए अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध किया है।

भाषा देवेंद्र माधव

माधव