अटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया बने सीनियर वकील आर वेंकटरमणि, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जारी की अधिसूचना

Attorney General of India :  सीनियर वकील आर वेंकटरमणि को देश के शीर्ष कानूनी अधिकारी को अटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया नियुक्त किया गया है।

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  • Publish Date - September 29, 2022 / 07:31 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:47 PM IST

नई दिल्ली : Attorney General of India :  सीनियर वकील आर वेंकटरमणि को देश के शीर्ष कानूनी अधिकारी को अटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनकी नियुक्ति की अधिसूचना जारी की। आर वेंकटरमणि 1 अक्टूबर से अपना पद संभालेंगे। वेंकटरमणि लॉ कमिशन के पूर्व सदस्य हैं।

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इस केस से आए थे चर्चा में

Attorney General of India : बता दें कि, आर वेंकटरमणि सुप्रीम कोर्ट में आम्रपाली होम मामले में होमबॉयर्स के लिए रिसीवर और एमिकस नियुक्त किए जाने के चलते चर्चा में आए थे। वेंकटरमणि जुलाई 1977 में बार काउंसिल ऑफ तमिलनाडु के सदस्य बने थे। वह 1979 में सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील पी पी राव के चैंबर में शामिल हुए थे। उन्होंने 1982 से सुप्रीम कोर्ट में स्वतंत्र प्रैक्टिश शुरू की थी।

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1997 में मिली थी सीनियर वकील की मान्यता

Attorney General of India : सुप्रीम कोर्ट ने वेंकटरमणि को 1997 में सीनियर वकील के रूप में मान्यता दी थी। उन्हें 2010 में पहली बार और 2013 में दूसरी बार लॉ कमिशन ऑफ इंडिया के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था। वेंकटरमणि के पास सुप्रीम कोर्ट में 42 सालों तक प्रैक्टिश करने का अनुभव है। वह 2004 और 2010 के बीच सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में भारत सरकार के विभिन्न विभागों के लिए स्पेशल सीनियर वकील भी रहे हैं।

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न्यायपालिका पर दक्षिण एशियाई टास्क फोर्स के रह चुके हैं सदस्य

Attorney General of India : वेंकटरमणि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाने-माने कानूनविद हैं। उन्होंने 1990 में भारत के योजना आयोग द्वारा स्थापित ‘कल्याणकारी विधानों पर विशेषज्ञ समूह’ में एक कानून सदस्य के रूप में काम किया था। वह न्यायपालिका पर दक्षिण एशियाई टास्क फोर्स के सदस्य थे। इस टास्क फोर्स का गठन सार्क (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ) द्वारा सदस्य देशों में न्यायतंत्र की स्थितियों पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए किया गया था।

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Attorney General of India : वह मई 2002 में बर्लिन में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के बाद भोजन के अधिकार पर एक इंस्ट्रूमेंट का मसौदा तैयार करने में लगे अंतरराष्ट्रीय कार्य समूह से भी जुड़े हुए हैं। उन्हें 2008 में नेपाली संविधान प्रारूपण और अनुभव शेयरिंग एक्सरसाइज में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था।

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