अलगाववादी नेताओं की रिहाई की उम्मीद कम, 1 साल तक बाहर आने का कोई चांस नहीं

अलगाववादी नेताओं की रिहाई की उम्मीद कम, 1 साल तक बाहर आने का कोई चांस नहीं

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  • Publish Date - August 13, 2019 / 07:40 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:47 PM IST

नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने के बाद हिरासत में लिए गए अलगाववादी नेताओं की रिहाई की उम्मीद कम हो गई है। अफसरों की माने तो एक साल तक इनको रिहा नहीं किया जा सकता। अफसरों की माने तो अलगाववादी नेता रिहाई के बाद घाटी का माहौल फिर खराब कर सकते हैं, जैसा कि अब तक वे करते आए हैं। इसलिए जब तक कश्मीर का माहौल शांत नहीं हो जाता तब तक इन्हें रिहा नहीं किया जा सकता, चाहे भले इसके लिए उन्हें साल भर हिरासत में रखना पड़े।

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गौरतलब है कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने और किसी भी तरह के राष्ट्रविरोधी प्रदर्शनों की संभावना को टालने के लिए राज्य प्रशासन ने बीते आठ दिनों के दौरान करीब 700 लोगों को हिरासत में लिया है। इनमें से करीब 150 लोगों को देश के विभिन्न राज्यों की जेलों में स्थानांतरित किया गया है। इनमें अलगाववादियों के अलावा नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के महासचिव अली मोहम्मद सागर भी हैं।

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बता दें कि नेकां उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के अलावा पीडीपी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी गिरफ्तार नेताओं में शामिल हैं। हालांकि महबूबा को हरि निवास में और उमर अब्दुल्ला को वन विभाग के गेस्ट हाउस में रखा गया है, लेकिन अधिकारिक तौर पर कोई भी वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी इन दोनों नेताओं के बारे में बोलने को तैयार नहीं हैं।

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