Sonia Gandghi on Delhi Pollution || Image- IBC24 News File
Sonia Gandghi on Delhi Pollution: नई दिल्ली: विपक्षी सांसदों ने गुरुवार को मास्क पहनकर राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के मुद्दे पर संसद भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेस की शीर्ष नेता सोनिया गांधी ने कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह कुछ करे, क्योंकि बच्चे मर रहे हैं और उनके जैसे बुजुर्ग पीड़ित हैं।
सोनिया ने संवाददाताओं से कहा, “यह सरकार की ज़िम्मेदारी है कि वह कुछ करे क्योंकि बच्चे मर रहे हैं। मेरे जैसे बुज़ुर्गों को भी बहुत मुश्किल हो रही है।” कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि वह संसद में चर्चा की मांग कर रही हैं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर ठोस कार्रवाई की ज़रूरत है, जो राजनीतिक न हो। उन्होंने कहा, “सरकार को ठोस कार्रवाई करनी चाहिए, हम सब इसके साथ हैं।”
इस दौरान सांसदों ने ‘दिल्ली को सांस लेने का हक है’ और ‘प्रदूषण फैलाने वालों को भुगतान करना होगा, नागरिकों को नहीं’ जैसे पोस्टर लेकर सांसदों ने सरकार के खिलाफ नारे लगाए और उस पर वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बयानबाजी बंद करने और कार्रवाई करने को कहा।
#WATCH | Congress Parliamentary Party chairperson Sonia Gandhi says, “It is the responsibility of the Government to do something. Young children are suffering, and it is also difficult for elderly people like me.” https://t.co/lc9n1Texoc pic.twitter.com/GMupG0d53J
— ANI (@ANI) December 4, 2025
Sonia Gandghi on Delhi Pollution: एक तरफ जहां विपक्षी नेताओं ने संसद के बाहर अपनी आवाज बुलंद की, तो बीजद की सुलता देव ने राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया और सत्तारूढ़ भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा का “चार सौ पार नारा” (400+ का नारा) साकार नहीं हुआ, लेकिन दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर अब वायु गुणवत्ता सूचकांक में 400 से ऊपर है। उन्होंने कहा कि विकास के लिए पेड़ों को काटने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि बच्चों और अन्य लोगों में फेफड़े से संबंधित बीमारियां बढ़ रही हैं, तथा उन्होंने सांस संबंधी समस्याओं से संबंधित दवाओं की बिक्री में वृद्धि की रिपोर्ट की ओर भी ध्यान दिलाया।
उन्होंने कहा, “दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर है। कहा जाता है कि अगर एक्यूआई 50 से नीचे है तो ठीक है। दिल्ली में यह 400 को पार कर गया है। ‘चार सौ पार’ का नारा (चुनावों में) सफल नहीं रहा, लेकिन दिल्ली में यह सफल रहा है।”
Sonia Gandghi on Delhi Pollution: विपक्ष का यह विरोध प्रदर्शन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा संसद को सूचित किए जाने के कुछ दिन बाद हुआ है, जिसमें बताया गया था कि 2022 और 2024 के बीच तीन वर्षों में, दिल्ली के छह केंद्रीय सरकारी अस्पतालों के आपातकालीन विभागों में श्वसन संबंधी बीमारियों के 204,000 से अधिक मामले सामने आए, जिनमें से 20,000 से अधिक मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ी।