सोनोवाल सरकार को असम समझौते के खंड छह पर रिपोर्ट पर अभी गौर करना बाकी

सोनोवाल सरकार को असम समझौते के खंड छह पर रिपोर्ट पर अभी गौर करना बाकी

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  • Publish Date - December 28, 2020 / 02:26 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 09:01 PM IST

गुवाहाटी, 28 दिसम्बर (भाषा) असम सरकार ने सोमवार को कहा कि उसे केंद्र की उच्च-स्तरीय समिति द्वारा असम समझौते के खंड 6 पर तैयार की गई रिपोर्ट पर गौर करना अभी बाकी है, हालांकि इसे 10 महीने पहले पेश किया गया था।

संसदीय कार्य मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया के एक सवाल के लिखित उत्तर में कहा कि सरकार ने रिपोर्ट पर गौर करने के लिए एक कानूनी समिति बनाने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा कि इस साल सितंबर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के बीच बैठक के बाद कानूनी समिति बनाने का निर्णय लिया गया।

पटवारी ने सोनोवाल की ओर से कहा, ‘‘कानूनी समिति बनाने की प्रक्रिया चल रही है। यह कोविड-19 संबंधित माहौल के कारण विलंबित हो गयी।’’

समझौते के खंड 6 के अनुसार, असमिया लोगों की संस्कृति, सामाजिक, भाषाई पहचान और विरासत की रक्षा और संरक्षण के लिए उचित संवैधानिक, विधायी और प्रशासनिक सुरक्षा प्रदान किया जाएगा।

समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद से विवाद का मुख्य कारण असमिया लोगों की परिभाषा रही है, जिसका समिति ने समाधान करने की कोशिश की है।

25 फरवरी को, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी के शर्मा की अध्यक्षता में खंड 6 के कार्यान्वयन को लेकर समिति ने रिपोट केंद्रीय गृह मंत्री को इसे सौंपने के लिए मुख्यमंत्री को सौंपी थी।

एक अलग प्रश्न पर पटवारी ने कहा कि 29,959 विदेशियों को असम समझौते के प्रावधानों के अनुसार वापस भेजा गया है जिस पर 1985 में हस्ताक्षर किया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘असम समझौते के अनुसार, 31 जुलाई, 2020 तक 1,34,810 व्यक्तियों की पहचान विदेशियों के रूप में की गई है।’’

मंत्री ने आगे कहा कि असम-बांग्लादेश सीमा पर कांटेदार बाड़ लगाने का 98.35 प्रतिशत काम पूरा हो गया है और शेष हिस्से पर बाड़ लगाने का कार्य बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) की आपत्तियों के कारण बचा है।

भाषा अमित माधव

माधव