Transgender became self-reliant after facing discrimination || Image- IBC24 News File
Transgender became self-reliant after facing discrimination : मंगलुरु: समाज में आज भी ट्रांसजेंडर लोगों को लेकर पूर्वाग्रहों के बीच शहर में इसी समुदाय के एक सदस्य को जब ऑटोरिक्शा चालकों ने अपने वाहन में बैठाने से इनकार कर दिया तो उन्होंने खुद चार ऑटोरिक्शे खरीदकर किराए पर चलाना शुरू कर दिया और साबित कर दिया कि ट्रांसजेंडर लोग अन्य महिला-पुरुषों से किसी मामले में कमतर नहीं हैं।
ट्रांसजेंडर एनी मूल रूप से रायचूर की रहने वाली हैं और अपनी पढ़ाई के लिए मंगलुरु आईं थीं और यहीं बस गईं। वह बताती हैं कि उन्होंने बीए की शिक्षा पूरी करके बीएड के दो सेमेस्टर की पढ़ाई भी की लेकिन जब उन्हें एहसास हुआ कि शिक्षा क्षेत्र में ट्रांसजेंडर लोगों के लिए नौकरी पाना मुश्किल है तो उन्होंने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। एनी बताती हैं कि उन्हें अपनी जिंदगी में कई बार अपमान सहना पड़ा है, लेकिन ऐसी ही अपमान की एक घटना ने उनका जीवन बदल दिया।
Transgender became self-reliant after facing discrimination: एनी अक्सर ऑटोरिक्शा से अपने घर लौटती थीं और कई बार उन्हें संघर्ष करना पड़ता था क्योंकि ज्यादातर ऑटो चालक उनके लिए रुकते नहीं थे और उन्हें अपने वाहन में बैठाना नहीं चाहते थे। एनी के मुताबिक पिछले दिनों इसी तरह की एक घटना में एक बार रात होने तक इंतजार करने के बावजूद कोई भी रिक्शा चालक उन्हें अपने ऑटो में बैठाने के लिए तैयार नहीं हुआ और उन्हें पैदल ही घर जाना पड़ा।
उसी रात एनी ने संकल्प लिया कि वह अपना खुद का ऑटोरिक्शा खरीदेंगी और उन्हें किराए पर चलाने के लिए आम पुरुष चालकों को देंगी जिससे उनके जैसे ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों के भी सशक्त होने का संदेश समाज में जाएगा। एनी आज चार ऑटोरिक्शा की मालकिन हैं और उन्हें किराये पर चलवाती हैं। खुद की जरूरत के लिए भी वह अपने ही ऑटोरिक्शा का इस्तेमाल करती हैं और उन्हें किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता।