Diamond Harbor Lok Sabha Election 2024
Diamond Harbor Lok Sabha Election 2024 : डायमंड हार्बर। पश्चिम बंगाल की डायमंड हार्बर लोकसभा सीट पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। यहां तृणमूल कांग्रेस के सबसे प्रमुख नेता और मौजूदा सांसद अभिषेक बनर्जी लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं तो वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अभिजीत दास बॉबी पर अपना दांव खेला है। तृणमूल काग्रेस इस सीट को एक ‘मॉडल निर्वाचन क्षेत्र’ बताती है वहीं, विपक्ष ने इसे ‘हिंसा की प्रयोगशाला’ करार दिया है। मौजूदा लोकसभा चुनाव में यदि बनर्जी को 2019 से ज्यादा मत मिले तो यह उनकी साख को बढ़ाएगी और तृणमूल में उनके प्रभाव को ऐसे समय में मजबूत करेगी जब पार्टी के भीतर तेज मतभेदों के कारण के तापस रॉय और अर्जुन सिंह जैसे प्रभावशाली नेता और तीन साल पहले शुभेंदु अधिकारी जैसे दिग्गज नेता भाजपा में शामिल हो गए थे।
कोलकाता और दक्षिण 24 परगना जिले के बीच स्थित डायमंड हार्बर तृणमूल कांग्रेस के लिए एक रणनीतिक गढ़ माना जाता है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने एक रैली में दावा किया कि इस बार उन्हें अपने पिछले दो कार्यकाल से ज्यादा मत मिलेंगे। राजनीतिक विश्लेषक विश्वनाथ चक्रवर्ती ने कहा, ”डायमंड हार्बर में अभिषेक बनर्जी की निरंतर सफलता न केवल क्षेत्र में तृणमूल के प्रभुत्व को मजबूत करेगी बल्कि पार्टी के भीतर उनका कद भी बढ़ाएगी। जीत का बड़ा अंतर उनके नेतृत्व और विकासात्मक दृष्टिकोण को बताएगा।”
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि यदि तृणमूल में अभिषेक का कद बढ़ा है तो उसका कारण उनकी राजनीतिक रणनीति बनाने और लोगों का समर्थ पाना है। वे इस बात से सहमत हैं कि 2021 में उन्हें पार्टी का महासचिव बनाने और निर्णय लेने में उनके निर्विवाद रूप से बढ़ते प्रभाव ने वरिष्ठ नेताओं के एक वर्ग को नाराज किया। बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल डायमंड हार्बर को एक ‘मॉडल निर्वाचन क्षेत्र’ के रूप में प्रचारित करने की कोशिश कर रही है।
उनका मानना है कि यह ऐसा संसदीय क्षेत्र है जहां बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा में महत्वपूर्ण विकास हुआ है। जहां तृणमूल डायमंड हार्बर क्षेत्र में विकास के दावे करती ही तो वहीं विपक्ष ने इसे ‘हिंसा की प्रयोगशाला’ करार दिया है। ऐसे में बनर्जी के पक्ष में मतदान करने वाले मतदाताओं का एक वर्ग प्रभावित हो सकता है। महेशतला से तृणमूल के विधायक दुलाल दास ने कहा, ”अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में डायमंड हार्बर में विकास हुआ है। बेहतर सड़कों और स्वास्थ्य सुविधाओं से लेकर उन्नत शैक्षिक अवसरों तक हमारा काम खुद बोलता है। हमारे नेता ने इसे एक आदर्श निर्वाचन क्षेत्र बनाने की कसम खाई है।’
मौजूदा लोकसभा चुनाव में डायमंड हार्बर लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। जहां बनर्जी का मार्क्सवाद कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के प्रतिकुर रहमान और भाजपा के अभिजीत दास से मुकाबला है। दोनों विपक्षी दल इस क्षेत्र में हिंसा और अलोकतांत्रिक प्रथाओं का मुद्दा उठाते हैं। उन्होंने तृणमूल पर भय का माहौल पैदा करने का आरोप लगाया हैं, जहां राजनीतिक असहमति होने पर हिंसा होती है और बड़े पैमाने पर चुनावी कदाचार होता है।
भाजपा के अभिजीत दास ने कहा, ”तृणमूल अलोकतांत्रिक प्रथाओं के मॉडल का प्रचार कर रही है। जिस तरह से मतदाताओं को डराया जा रहा है वह लोकतंत्र में अस्वीकार्य है। यह विकास का मॉडल नहीं बल्कि हिंसा की प्रयोगशाला है।’ पिछले चुनाव में भाजपा को कुल मतों में से 34 फीसदी वोट मिले थे। स्थानीय लोगों का आरोप है कि कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने के बावजूद सत्तारूढ़ दल द्वारा भय का माहौल बनाया गया है।