अगरतला: त्रिपुरा के सिपाहीजाला जिले में 32 वर्षीय व्यक्ति से शादी करने से इनकार करने पर 14 वर्षीय एक लड़की को उसके माता-पिता ने कथित तौर पर घर से निकाल दिया। एक बाल अधिकार कार्यकर्ता ने शनिवार को यह जानकारी दी। अपने माता-पिता द्वारा कथित तौर पर प्रताड़ित की गई पीड़ित लड़की को गहरा आघात पहुंचने के बाद बिशालगढ़ अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, बांग्लादेश की सीमा से लगा सिपाहीजाला जिला बाल विवाह के मामले में राज्य का चर्चित स्थान बनकर उभरा है, जहां पिछले तीन महीनों (अप्रैल-जून 2025) में ही इसके 103 मामले दर्ज किए गए हैं। त्रिपुरा बाल अधिकार संरक्षण आयोग (टीसीपीसीआर) की अध्यक्ष जयंती देबबर्मा ने संवाददाताओं को बताया, ‘रिपोर्ट के आधार पर मैं शनिवार को उत्तर ब्रजपुर एचएस स्कूल पहुंची और उस लड़की के बारे में पूछताछ की, जिसे कथित तौर पर उसके माता-पिता ने घर से निकाल दिया था। रिपोर्ट सही प्रतीत हुई।’ देबबर्मा ने कहा, ‘मैंने बिशालगढ़ अस्पताल में लड़की से मुलाकात की और उसकी पीड़ा जानने के लिए उससे बातचीत की। पीड़िता ने दावा किया कि उसे और उसकी 10 वर्षीय बहन को उसके पिता ने घर से निकाल दिया, क्योंकि उसने (पीड़िता) उसी इलाके के 32 वर्षीय युवक से शादी करने से इनकार कर दिया था।’ उसकी शादी कराने के प्रयासों पर चिंता व्यक्त करते हुए देबबर्मा ने कहा कि लड़की और उसकी बहन को अपनी नानी के घर में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा, जहां वह बीमार पड़ गई।
उन्होंने कहा, ‘हम मामले की जांच करेंगे और अगर उसके माता-पिता दोषी पाए गए तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। टीसीपीसीआर दोनों लड़कियों को सरकारी आवास या छात्रावास में स्थानांतरित करने की योजना बना रहा है।’ संपर्क करने पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी (डीसीपीओ) सोनाई साहा ने कहा कि माता-पिता के खिलाफ बच्चों को यौन शोषण से संरक्षण संबंधित पोस्को अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी), सिपाहीजाला ने अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद लड़की को सोनामुरा आवासीय विद्यालय भेजने का फैसला किया है।’