अगर बच्चों का ख्याल नहीं होता तो खुदकुशी कर लेती: उन्नाव बलात्कार पीड़िता

अगर बच्चों का ख्याल नहीं होता तो खुदकुशी कर लेती: उन्नाव बलात्कार पीड़िता

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  • Publish Date - December 24, 2025 / 09:09 PM IST,
    Updated On - December 24, 2025 / 09:09 PM IST

नयी दिल्ली, 24 दिसंबर (भाषा) उन्नाव बलात्कार पीड़िता ने बुधवार को कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा मामले के दोषी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निष्कासित कुलदीप सिंह सेंगर की जेल की सजा निलंबित करने के फैसले के बाद उनके मन में आत्महत्या का विचार आया, लेकिन बच्चों के बारे में सोचकर खुद को ऐसा करने से रोक लिया।

उन्होंने यहां तक कहा कि यदि सेंगर जेल से रिहा होता है, तो वह अपनी सुरक्षा की खातिर जेल में जाने के लिए तैयार है।

बलात्कार पीड़िता ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा, ‘यह बहुत दर्दनाक था। अगर मेरी शादी नहीं हुई होती और मेरे बच्चे नहीं होते, तो मैं न्यायाधीश के सामने ही आत्महत्या कर लेती। न्यायाधीश ने पीड़िता के दर्द को नहीं समझा और फैसला सुना दिया।’

उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलना चाहती है ताकि वह इस फैसले के कारण हो रहे अपनी तकलीफ को उन्हें बता सके।

पीड़िता ने कहा, ‘अगर दोषी को जेल से रिहा किया जा रहा है, तो हमें जेल भेज दिया जाना चाहिए। अगर दोषी बाहर आता है, तो मैं उसकी तरफ से सज़ा पूरा करूंगी। कम से कम उस मामले में हम सुरक्षित तो रहेंगे। हम बेरोजगार रहेंगे लेकिन कम से कम हमें खाना तो मिलेगा।’

बलात्कार पीड़िता की मां ने कहा कि उनके वकील उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।

उन्होंने कहा, ‘हमें उच्चतम न्यायालय पर भरोसा है और हमें उम्मीद है कि वह हमें इंसाफ देगा।’

बलात्कार पीड़िता की बहन ने कहा कि उनके चाचा को अब भी धमकियां मिल रही हैं।

उन्होंने अपने पिता की मौत पर दुख जताया और इस बात पर अफसोस जताया कि उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है।

उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सेंगर को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया, जो इस मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है। यह आदेश दिसंबर 2019 में एक अधीनस्थ अदालत द्वारा उसकी दोषसिद्धि के खिलाफ लंबित अपील के निपटारे तक प्रभावी रहेगा।

अपने आदेश में, उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि भाजपा का पूर्व विधायक पीड़िता के आवास के पांच किलोमीटर के दायरे में नहीं जाएगा और बलात्कार पीड़िता या उसकी मां को धमकी नहीं देगा। अदालत ने यह भी कहा कि शर्तों के उल्लंघन पर उसकी जमानत स्वतः ही रद्द हो जाएगी।

हालांकि, सेंगर जेल में ही रहेगा क्योंकि वह बलात्कार पीड़िता के पिता की हिरासत में हुई मौत के मामले में भी 10 साल की सजा काट रहा है और उस मामले में उसे जमानत नहीं मिली है।

भाषा नोमान पवनेश

पवनेश