राहुल गांधी से मिली उन्नाव मामले की पीड़िता, कांग्रेस नेता ने सेंगर की जमानत को शर्मनाक बताया

राहुल गांधी से मिली उन्नाव मामले की पीड़िता, कांग्रेस नेता ने सेंगर की जमानत को शर्मनाक बताया

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  • Publish Date - December 24, 2025 / 07:08 PM IST,
    Updated On - December 24, 2025 / 07:08 PM IST

नयी दिल्ली, 24 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्नाव बलात्कार मामले में दोषी कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा निलंबित किए जाने को निराशाजनक और शर्मनाक करार देते हुए बुधवार को कहा कि यह कैसा न्याय है।

इस मामले की पीड़िता ने कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी के आवास ‘10 जनपथ’ पहुंचकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्नाव बलात्कार मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे, भाजपा से निष्कासित कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा मंगलवार को निलंबित कर दी।

अदालत ने कहा कि वह पहले ही सात साल, पांच महीने जेल में बिता चुका है।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर की गई एक पोस्ट जिसमें विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा बलात्कार पीड़िता को हटाए जाने का दावा किया गया था, को साझा भी किया।

राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘क्या एक गैंगरेप पीड़िता के साथ ऐसा व्यवहार उचित है? क्या उसकी ‘गलती’ यह है कि वह न्याय के लिए अपनी आवाज़ उठाने की हिम्मत कर रही है? उसके अपराधी (पूर्व भाजपा विधायक) को ज़मानत मिलना बेहद निराशाजनक और शर्मनाक है, खासकर तब, जब पीड़िता को बार-बार प्रताड़ित किया जा रहा हो, और वह डर के साये में जी रही हो।’’

उन्होंने सवाल किया कि बलात्कारियों को ज़मानत, और पीड़िताओं के साथ अपराधियों सा व्यवहार…, यह कैसा न्याय है?

राहुल गांधी ने दावा किया, ‘‘हम सिर्फ़ एक मृत अर्थव्यवस्था ही नहीं, बल्कि ऐसी अमानवीय घटनाओं के साथ एक मृत समाज भी बनते जा रहे हैं। लोकतंत्र में असहमति की आवाज़ उठाना अधिकार है, और उसे दबाना अपराध।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पीड़िता को सम्मान, सुरक्षा और न्याय मिलना चाहिए – न कि बेबसी, भय और अन्याय।’’

उच्च न्यायालय ने बलात्कार मामले में दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ अपील लंबित रहने तक सेंगर की सजा पर रोक लगाई है। सेंगर ने दिसंबर 2019 के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी।

हालांकि, वह जेल में ही रहेगा क्योंकि वह पीड़िता के पिता की हिरासत में हुई मौत के मामले में 10 साल की सजा भी काट रहा है और उस मामले में उसे जमानत नहीं मिली है।

भाषा हक हक पवनेश

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