Supreme court
नई दिल्ली: Not Follow Western Culture देश में बीते लगभग एक दशक से तलाक और घरेलू हिंसा के मामले में ताबड़तोड़ बढ़ोतरी देखने को मिला है। देशभर में करोड़ों केस तलाक और घरेलू हिंसा के पेंडिंग हैं। ऐसे ही एक मामले में सुनवाई करते हुए देश की सर्वोच्च आदलत ने अहम टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम किसी पश्चिमी सभ्यता में नहीं हैं कि आज शादी हो और कल तलाक ले लें। वहीं, कोर्ट ने इस बात की भी पहल की है कि दोनों को शादी को बचाने का एक और मौका दिया जाना चाहिए। >>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
Not Follow Western Culture दरसअल शादी के 40 दिन बाद एक युवक ने अपनी पत्नी से तलाक के लिए अर्जी दाखिल की थी। पति का कहना था कि दोनों अजनबी है और उनकी शादी में अब कुछ नहीं बचा है। उनकी शादी में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है। वे दोनों 40 दिन साथ रहे थे, जिसके बाद 2 साल से अलग-अलग रह रहे हैं। पति का आरोप है कि उसकी शादी जाल की तरह है। उसकी पत्नी पैसे में दिलचस्पी रखती है। उसने सेटलमेंट के तौर पर दो करोड़ की डिमांड की है।
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जबकि सुनवाई के दौरान पत्नी ने कहा कि वह शादी बचाने के लिए एक मौका देना चाहती है। महिला की इस पहल को सुनकर बेंच ने कहा कि यह सुनकर अच्छा लगा है, लेकिन दोनों पार्टी को शादी बचाने के लिए आगे आना चाहिए। हम शादी नहीं बचा सकते। महिला ने ये भी कहा कि मैं कनाडा में काम करती थी और कोविड के समय यहां आई। पति ने मेरे करियर को दांव पर लगा दिया है।
वहीं, दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि हम किसी पश्चिमी सभ्यता में नहीं हैं कि आज शादी हो और कल तलाक ले लें। दोनों कपल अलग रहना चाहते हैं तो हम क्या कर सकते हैं। हम दोनों को साथ रहने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं। पति का कहना था कि उनके पैरेंट्स बूढ़े हैं और उन्हें देखना है लेकिन उनकी पत्नी कनाडा के हिसाब से सोच रखती हैं और कहती हैं कि साथ नहीं रह सकती। यह सब भारतीय संस्कृति और मूल्य के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने तब कहा कि अगर आपको पैरंट्स को देखना था तो शादी नहीं करनी चाहिए थी। कामकाजी से शादी भी नहीं करनी चाहिए थी। आपने जिस लड़की से शादी की है, वह कनाडा में नौकरी करती है। यह कैसे संभव है कि वह सबकुछ छोड़कर आ जाए।