गृहमंत्री अमित शाह बोलें – सरदार पटेल के इरादों के बिना, एक मजबूत और अखंड भारत निर्माण असंभव…

गृहमंत्री अमित शाह बोलें - सरदार पटेल के इरादों के बिना : Without Sardar Patel's intentions, building a strong and united India is impossible

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  • Publish Date - October 31, 2022 / 11:28 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:50 PM IST

नई दिल्ली । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने देश को विभाजित रखने के, विरोधी ताकतों के प्रयासों के बावजूद अपनी दूरदर्शिता से एक मजबूत और अखंड भारत के सपने को साकार किया। शाह ने कहा कि भारत एक मजबूत और समृद्ध देश बनने के स्वतंत्रता सेनानियों के सपने को अगले 25 वर्ष में साकार कर लेगा और अपनी स्वतंत्रता के 100वें वर्ष का जश्न मनाएगा। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 147वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक दौड़ को हरी झंडी दिखाते हुए यह बात कही। दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम से शुरू हुए ‘‘रन फॉर यूनिटी’’ में, खेल जगत की हस्तियों, खेलप्रेमियों और केंद्रीय पुलिस बलों के जवानों सहित बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। शाह ने कहा, ‘‘आज़ादी के समय भी, भारत को विभाजित रखने के लिए कुछ ताकतों ने प्रयास किए थे। हमने देखा है कि कैसे सरदार पटेल ने अपनी दूरदर्शिता और राजनीतिक सूझबूझ से जूनागढ़, जम्मू-कश्मीर और हैदराबाद को भारत संघ में शामिल किया था।’’

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उन्होंने कहा, सरदार पटेल के इरादों के बिना, एक मजबूत और अखंड भारत संभव नहीं हो सकता था। शाह ने कहा कि वर्तमान भारत के निर्माण में पटेल की अहम भूमिका रही। शाह ने आगे कहा कि पटेल का नाम सामने आते ही आज के भारत का मानचित्र नजरों के सामने आ जाता है। पटेल के दृढ़ इरादों का ही परिणाम है कि भारत आजादी के बाद एकता के सूत्र में बंधा। उन्होंने कहा, ‘‘स्वतंत्रता के समय सभी रियासतों को भारत संघ के तहत लाने की चुनौती थी। सरदार पटेल उन सभी को भारत संघ के तहत लेकर आए।’’ केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत मजबूत, आत्मनिर्भर और समृद्ध राष्ट्र बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि देश ने पिछले आठ वर्षों में इस संबंध में कई उपलब्धियां हासिल की हैं।

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शाह ने कहा, ‘‘ हम आज़ादी की शताब्दी के समय वर्ष 2047 में सरदार पटेल के सपनों का भारत बनाने में सफल हो जाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’’ के तहत, प्रत्येक नागरिक 2047 तक भारत को दुनिया में सबसे मजबूत और सबसे समृद्ध राष्ट्रों में से एक बनाने का संकल्प लेगा । उस समय देश अपनी आज़ादी के 100वें वर्ष का जश्न मना रहा होगा। शाह ने अपने भाषण की शुरुआत गुजरात के मोरबी शहर में पुल टूटने के कारण जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देकर की। उन्होंने कहा, ‘‘गुजरात में कल (रविवार) एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई। मैं इस हादसे पर खेद व्यक्त करता हूं और अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए भी प्रार्थना करता हूं।’’ शाह ने दौड़ में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों को एकता की शपथ भी दिलाई। दौड़ को हरी झंडी दिखाने के समारोह में केंद्रीय मंत्री एस. जयशंकर, विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी और निसिथ प्रमाणिक के अलावा दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और अन्य गणमान्य अतिथि भी मौजूद थे।

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केंद्र सरकार, देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने तथा उसे और मजबूत करने के मकसद से अपने समर्पण को बढ़ावा देने और सुदृढ़ करने के लिए 2014 से 31 अक्टूबर को ‘‘राष्ट्रीय एकता दिवस’’ के रूप में मना रही है। पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को गुजरात के नाडियाड में हुआ था। भारत के पहले गृह मंत्री और उप प्रधानमंत्री के रूप में, पटेल को 560 से अधिक रियासतों का भारत संघ में विलय कराने का श्रेय दिया जाता है। समारोह के हिस्से के रूप में, भारत के एकीकरण में सरदार पटेल के योगदान को याद करते हुए, देश भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।