लखनऊ। देश के कई राज्यों के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी योगी सरकार सूखा प्रभावित इलाकों में कृत्रिम वर्षा कराएगी। इसकी शुरुआत बुंदेलखंड से करने की तैयारी है। माना जा रहा है कि कृत्रिम बारिश के बाद किसानों को मानसून का मुंह ताकना नहीं पड़ेगा। कृत्रिम बारिश की ये तकनीक आईआईटी कानपुर ने डेवलप की है। 1000 वर्ग किलोमीटार इलाके में कृत्रिम बारिश के पीछे 5.5 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
प्रदेश के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि मानसून के खत्म हो जाने के बाद ही इस प्रोजेट की शुरुआत बुंदेलखंड से होगी। पहले सरकार ने चीन से ये तकनीक खरीदने के लिए बात की थी। चीन ने ये तकनीक देने की कीमत 11 करोड़ रुपए लगाई लेकिन फिर पीछे हट गया। ऐसे में इस बड़ी समस्या का समाधान आईआईटी कानपुर ने निकाला।
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बताया जा रह है कि 1000 वर्गकिमी इलाके में कृत्रिम बारिश पर 5.5 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह रकम चीन की चाही गई रकम से भी आधी है। जानकारों के मुताबिक कृत्रिम बारिश का पर्यावरण पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा। इसके लिए सरकार के समक्ष आईआईटी कानपुर के एक्सपर्ट क्लाउड-सीडिंग (कृत्रिम बारिश) तकनीक का प्रेजेंटेशन पहले ही दे चुके हैं। कृत्रिम वर्षा के लिए हेलीकॉप्टर की मदद ली जाएगी।
वेब डेस्क, IBC24