नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार जल्द ही छोटी बचत योजनाओं के इंटरेस्ट रेट में बड़ा बदलाव कर सकती है। पिछली तिमाही में केंद्र सरकार ने इसमें कटौती करने की घोषणा की थी। हालांकि 24 घंटे के अंदर ही इसे वापस भी ले लिया गया था। पब्लिक प्रोविडेंट फंड, सुकन्या समृद्धि योजना, किसान विकास पत्र और नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट समेत छोटी बचत योजनाओं को लेकर सरकार बड़ा ऐलान कर सकती है।
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दरअसल 1 जुलाई से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही शुरू हो रही है। दूसरी तिमाही के दौरान इन बचत योजनाओं पर ब्याज दर को लेकर जानकारों का कहना है कि इस बार कोई कटौती की उम्मीद नहीं की जा सकती है, इसके पीछे उनका तर्क है कि बढ़ती महंगाई के इस दौर में सरकार छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों को कम नहीं करेगी। वहीं इशको लेकर सरकार क्या फैसला लेगी इसको लेकर कयास ही लगाए जा रहे हैं।
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देखें फिलहाल किस योजना पर कितना मिल रहा ब्याज
बचत योजनाएं ब्याज दरें (%)
सेविंग्स डिपॉजिट 4
1 साल का टाइम डिपॉजिट 5.5
2 साल का टाइम डिपॉजिट 5.5
3 साल का टाइम डिपॉजिट 5.5
5 साल का टाइम डिपॉजिट 6.7
5 साल रिकरिंग डिपॉजिट 5.8
सीनियर सीटिजन सेविंग्स स्कीम्स 7.4
मासिक इनकम अकाउंट 6.6
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट 6.8
पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम 7.1
किसान विकास पत्र 6.9
सुकन्या समृद्धि योजना 7.6
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छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें पर ध्यान दें तो इस गणना से ब्याज दरों में कटौती होनी चाहिए। छोटी बचत योजनाओं की दरों को सामान अवधि वाली सरकारी सिक्योरिटीज यील्ड के आधार पर किया जाता है। इसमें सरकार की ओर से मार्कअप भी जोड़ा जाता है। मिसाल के तौर पर पब्लिक प्रोविडेंट फंड पर 0.25 फीसदी मार्कअप जोड़ा गया है। मार्कअप को पिछली तिमाही के दौरान सरकारी सिक्योरिटी के औसत यील्ड के आधार पर जोड़ा जाता है।
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मौजूदा दौर में पीपीएफ पर ब्याज दरें 7.1 फीसदी है। मार्कअप जोड़ने के बाद भी यह सरकारी सिक्योरिटीज यील्ड से कहीं ज्यादा है। वर्तमान में 10 साल वाले सरकारी सिक्योरिटीज का यील्ड 6 फीसदी है। इस गणना को देखें तो अब सरकारी सिक्योरिटीज का यील्ड कम हुआ है। ऐसे में केंद्र सरकार के पास मौका है कि वो इन छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें कम कर दे। हालांकि इस दौरान , सरकार को बढ़ती महंगाई का भी ध्यान रखना होगा।