पंचतत्व में विलीन हुए ‘डिस्को किंग’ बप्पी लाहिड़ी, बेटे बप्पा ने दी मुखाग्नि, फैंस हुए इमोशनल

पंचतत्व में विलीन हुए 'डिस्को किंग' बप्पी लाहिड़ी, बेटे बप्पा ने दी मुखाग्नि : 'Disco King' Bappi Lahiri merged with Panchtattva

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  • Publish Date - December 3, 2022 / 11:19 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:25 PM IST

मुंबई : Bappi Lahiri merged with Panchtattva अपनी संगीतमय धुनों से 80 और 90 के दशक में हिंदी सिने प्रेमियों को मंत्रमुग्ध करने वाले गायक-संगीतकार बप्पी लाहिड़ी का बृहस्पतिवार को परिवार, दोस्तों और सिनेमा जगत के उनके सहयोगियों की मौजूदगी में विले पार्ले के पवन हंस श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया। लाहिड़ी का मंगलवार रात को निधन हो गया था। उन्होंने जुहू के क्रिटिकेयर अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह 69 वर्ष के थे और स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियों से जूझ रहे थे। कई लोगों ने उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी। उनके जुहू स्थित आवास, लाहिड़ी हाउस पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लगभग 15 पुलिसकर्मी मौजूद थे।

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Bappi Lahiri merged with Panchtattva बप्पी लाहिड़ी के पार्थिव शरीर को उनकी पहचान बन चुके धूप के काले चश्मे के साथ, एक खुले ट्रक में रखा गया था। ट्रक को गेंदे और गुलदाउदी के फूलों से सजाया गया था। ट्रक के आगे और बगल में उनकी तस्वीरें लगी हुई थीं, जिस पर ‘‘भावपूर्ण श्रद्धांजलि’’ लिखा हुआ था। ट्रक में बप्पी लाहिड़ी की पत्नी चित्राणी, बेटा बप्पा और बेटी रीमा के साथ कई अन्य परिजन भी थे। ट्रक के पीछे कई कारों का काफिला था, जिसमें पुलिस के वाहन और दो एम्बुलेंस भी शामिल थीं।उनके आवास से विले पार्ले के पवन हंस श्मशान घाट तक 10 मिनट की दूरी लगभग एक घंटे में तय की गई, क्योंकि दिग्गज संगीतकार के प्रशंसक बड़ी संख्या में उनकी शव यात्रा के साथ चल रहे थे।

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बेटे बप्पा ने उन्हें मुखाग्नि दी और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया के दौरान वह कई बार भावुक हुए। बप्पा अपने परिवार के साथ बृहस्पतिवार को तड़के तीन बजे ही अमेरिका से मुंबई पहुंचे थे। दाह संस्कार के दौरान बेटी रीमा की आंखें भी नम थीं। अंतिम संस्कार के दौरान विद्या बालन, शक्ति कपूर, रूपाली गांगुली, देब मुखर्जी, उदित नारायण, शान, अभिजीत भट्टाचार्य, मीका सिंह, फिल्म निर्माता भूषण कुमार और फिल्मकार केसी बोकाडिया के अलावा कई अन्य लोग भी मौजूद थे। सोने की मोटी जंजीरें और चश्मा पहनने के लिए पहचाने जाने वाले गायक-संगीतकार ने 70-80 के दशक में कई फिल्मों के लिए संगीत रचना की जिन्हें खासी लोकप्रियता मिली। इन फिल्मों में ‘‘चलते-चलते’’, ‘‘डिस्को डांसर’’ और ‘‘शराबी’’ शामिल हैं।

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लाहिड़ी को 1970 से लेकर 1990 के दौरान भारतीय सिनेमा में ‘‘आय एम ए डिस्को डांसर’’, ‘‘जिम्मी जिम्मी’’, ‘‘पग घुंघरू’’, ‘‘इंतेहा हो गयी’’, ‘‘तम्मा तम्मा लोगे’’, ‘‘यार बिना चैन कहां रे’’, ‘‘आज रपट जाए तो’’ तथा ‘‘चलते चलते’’ जैसे गीतों से डिस्को संगीत का दौर शुरू करने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने 2000 के दशक में ‘‘टैक्सी नंबर 9211’’ (2006) का ‘‘बम्बई नगरिया’’ और ‘‘द डर्टी पिक्चर’’ (2011) के ‘‘उह ला ला’’ जैसे हिट गीतों को भी अपनी आवाज दी। वह उन गायकों में से एक हैं जिन्होंने 2014 में आयी फिल्म ‘‘गुंडे’’ का ‘‘तूने मारी एंट्रियां’’ गीत भी गाया था। उन्होंने बंगाली, तेलुगु, तमिल, कन्नड़ और गुजराती फिल्मों में भी संगीत दिया था।