Publish Date - December 3, 2022 / 11:15 PM IST,
Updated On - November 29, 2022 / 08:14 PM IST
रायपुर। यशराज बैनर की फिल्म ठग्स ऑफ हिंदोस्तान की बहुत दिनों से चर्चा हो रही थी, आमिर खान जो साल में एक बार ही आते हैं, इस बार वो डायरेक्टर विजय कृष्णा आचार्य की फिल्म ठग्स ऑफ हिंदोस्तान लेकर आए हैं, जिसमें उनके साथ पहली बार अमिताभ बच्चन नजर आ रहे हैं। हीरोईन के तौर पर दंगल फेम फातिमा सना शेख औऱ कटरीना कैफ हैं।
फिल्म की कहानी 1795 के गुलाम भारत से शुरू होती है, जब भारत पर अंग्रेजों की हुकुमत थी। ऐसी ही एक रियासत रौनकपुर को अंग्रेज कमांडर जॉन क्लाइव (लॉयड ओवेन) धोखे से कब्जा लेता है। वहां के नवाब मिर्जा सिकंदर बेग (रोनित रॉय) के परिवार को अंग्रेज मार देते हैं,
लेकिन खुदाबक्श आजाद ( अमिताभ बच्चन) महाराज की बेटी ज़फीरा (फातिमा सना शेख ) को बचा लेता है। अब जफीरा अंग्रेजों से अपने माता-पिता और भाई की मौत का बदला लेना चाहती हैं, इसलिए खुदाबक्श उसे लड़ाई के लिए तैयार करता है और ये लोग अपनी खुद की आज़ाद फौज तैयार करते हैं। जो अंग्रेजों के सामान को लूटते हैं, लेकिन उनका असली मक्सद तो आजादी है। वहीं फिल्म में सुरैया (कटरीना कैफ) का रोल काफी छोटा है।
यहां एंट्री होती फिरंगी मल्लाह (आमिर खान) की, इनका काम ठगी का है, वो अंग्रेजो़ं के साथ मिलकर राहगिरों को ठगते हैं और राहगिरों के साथ मिलकर अंग्रेजों को धोखा देते हैं। क्योंकि फिरंगी का स्वभाव धोखा देना है। फिरंगी पर भरोसा नहीं किया जा सकता, लेकिन अंग्रेज चाहते हैं कि आजाद को पकड़ने में फिरंगी उनकी मदद करे, अब क्या फिरंगी अपनी फितरत बदलकर आजाद को पकड़ पाता और फिल्म में सुरैया(कटरीना कैफ) की क्या भूमिका है, ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।
सबसे पहले तारीफ करुंगी अमिताभ बच्चन जिन्होंने 75 साल की उम्र में इतना शानदार किरदार निभाया है उन्होंने कहीं ना कहीं आमिर खान को ओवर शैडो कर दिया है, एक्शन सीन्स पर वो भारी पड़े हैं। वहीं, आमिर खान तो अपने रोल में परफेक्ट हैं। पर्दे पर आमिर और अमिताभ को साथ देखना उनके फैंस के लिए किसी सपने से कम नहीं है। अमिताभ बच्चन ने इस उम्र में शानदार एक्शन सीन्स वाला रोल किया है। पानी के जहाजों पर उनके लड़ाई के सीन जबरदस्त हैं। मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर हमेशा की तरह अपने रोल में पूरी तरह रम गए हैं। क ही सीमित हैं। वहीं, फातिमा सना शेख पॉवरफुल रोल में नजर आईं है। उन्होंने तीरंदाजी और तलवारबाजी से लोगों का दिल जीता. वहीं, कटरीना कैफ को एक्टिंग करने का मौका मिला ही नहीं और जो गाना सुरैया उनपर फिल्माया गया है वो भी बेहद बोरिंग है। वो सिर्फ खूबसूरत लगी हैं लेकिन खराब कोरियोग्राफी के चलते वो भी बोरिंग लगता है. वहीं, फिल्म की कहानी समुद्र की लहरों की तरह कभी गोते खाती है तो कभी डूबती सी नजर आती है, और आपको एक अनजाने सफर पर लेकर जाती है।
फिल्म की लंबाई काफी ज्यादा है, ये फिल्म एक ओवरडोज जैसी लगती है। उसे किसी हॉलीवुड फिल्म से कंपेयर किया जा रहा था जबकि ऐसा नहीं है। लेकिन नोवल पर बेस्ड विजय कृष्णा आचार्य और यशराज बैनर की ये कमजोर फिल्म साबित होगी। इसलिए दर्शक उसे अपनी रिस्क पर देख सकते हैं, ये फिल्म खोदा पहाड़ निकली चुहिया जैसा हाल है।
बड़ी स्टारकास्ट की मेगाबजट फिल्म को सिर्फ 2.5 स्टार।