MP Water Supply Projects/Image Source: IBC24
भोपाल: IBC24 News Mind Summit मध्यप्रदेश में मोहन सरकार ने आज अपने कार्यकाल के दो साल पूरे कर लिए हैं। इन दो वर्षों में सरकार ने किन चुनौतियों का सामना किया, अपने चुनावी वादों को किस हद तक जमीन पर उतारा और शासन–प्रशासन के स्तर पर क्या ठोस बदलाव किए? इन्हीं अहम सवालों के जवाब तलाशने के लिए IBC24 ने ‘माइंड समिट 2025’ स्टूडियो एडिशन का आयोजन किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव भी शामिल हुए। उन्होंने कई मुद्दों को सवालों के जवाब दिए और अपनी बात रखी। इस दौरान सीएम साय ने एक दिलचस्प किस्सा भी साझा किया।
MP Water Supply Projects: सीएम मोहन यादव ने नदी जोड़ो अभियान को लेकर बयान देते हुए कहा कि वास्तव में पहले यह महसूस हो रहा था कि यह अभियान कैसे सफल होगा भगवान जाने लेकिन केन-बेतवा नदी जोड़ने से जो लाभ मिला है वह बहुत तेज़ी से सामने आया है। अब तो रोज़ नए जिले जुड़ते जा रहे हैं। पहले हम कभी सोचते भी नहीं थे कि भोपाल, इंदौर, उज्जैन जैसे बड़े शहर नर्मदा नदी से जुड़ेंगे। यह पर्वती, कालीसिंह, चंबल का कैचमेंट एरिया है। नीमच, मंदसौर, चंबल क्षेत्र में गांधी सागर डेम भी वर्षों से था लेकिन अब इन इलाकों में सिंचाई के अवसर बढ़ेंगे।
उन्होंने आगे कहा की माननीय गृह मंत्री जी का आभार व्यक्त करते हुए इस क्षेत्र में पीकेसी योजना से हम पूरा लाभ लेंगे। यह योजना न केवल पीकेसी है बल्कि इसने एक नया दौर शुरू किया है। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने जयपुर में अपने भाषण में कहा था कि आज पार्वती कालीसिंह चंबल योजना का शुभारंभ एक नए युग की शुरुआत है। वर्षों से दो राज्यों के बीच झगड़े होते रहे हैं हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में मामले गए और कई बार हिंसक घटनाएं भी हुईं। लेकिन आज परस्पर सहयोग के बल पर राजस्थान में पानी पहुंचेगा मध्य प्रदेश को भी पानी मिलेगा। इस योजना से हमारे क्षेत्र के लिए पीने का पानी, सिंचाई और उद्योगों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक मजबूत आधार मिलेगा।
MP Water Supply Projects: सीएम यादव ने यह भी कहा की नदी जोड़ो अभियान का सिलसिला अब कहीं तक रुकने वाला नहीं है। हम न केवल राजस्थान, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र को जोड़ेंगे बल्कि ताप्ती नदी के लिए भी एक नया जल पुनर्भरण प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है। भारत सरकार 70,000 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट में 90% फंड प्रदान कर रही है। इसके अलावा 1 लाख करोड़ रुपये की पीकेसी योजना में 90,000 करोड़ रुपये केंद्र सरकार दे रही है। इसी प्रकार ताप्ती नदी के साथ 7000 करोड़ रुपये की योजना भी बनी है जो बुरहानपुर, खंडवा और खरगोन जैसे जिलों को लाभ पहुंचाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि चित्रकूट में केन-बेतवा के रिवाइज्ड प्रोजेक्ट के आधार पर हमारी सरकार ने एक नया प्रयास किया है जिसमें नदी की धारा को 50 किलोमीटर नीचे बड़े ट्रक के माध्यम से डक्ट के अंदर भेजा जाएगा। यह टनल के माध्यम से नदी का पानी और कृषि के लिए भूमि का उपयोग किया जाएगा। यह हमारे राज्य में पहली बार होगा जहां नदी से नदी जोड़ने के अभियान में नदी की धारा को नीचे से ऊपर के बीच में ले जाया जाएगा और ऊपर खेती होती रहेगी।