Coal and DMF Scam: जेल के पिछले गेट से चुपचाप बाहर निकलकर सरकारी कार में बैठी रानू साहू, IAS पति के घर पहुंची, दूसरे राज्य जाने की तैयारी

Coal and DMF Scam: अहम बात यह रही कि रानू साहू जेल से चुपचाप पिछले गेट से बाहर निकलकर सरकारी वाहन से देवेंद्र नगर स्थित अपने पति जयप्रकाश मौर्य के घर पहुंचीं। मीडिया से बचाते हुए सभी को जेल के पिछले गेट से बाहर निकाला गया, जबकि मीडिया के लोग मुख्य द्वार पर इंतजार करते रह गए।

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  • Publish Date - May 31, 2025 / 05:17 PM IST,
    Updated On - May 31, 2025 / 05:33 PM IST
HIGHLIGHTS
  • मीडिया से बचाते हुए सभी को जेल के पिछले गेट से बाहर निकाला गया
  • आगामी आदेश तक छत्तीसगढ़ राज्य से बाहर रहेंगे
  • सभी को विशेष अदालत में जमा करना होगा अपना पासपोर्ट

रायपुर: Coal and DMF Scam, कोल और डीएमएफ (DMF) घोटाले में गिरफ्तार किए गए आधा दर्जन लोगों को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है। जिसके बाद आज सुबह उन्हे रायपुर सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया। रिहा होने वालों में निलंबित आईएएस रानू साहू, समीर विश्नोई, राज्य सेवा की अफसर सौम्या चौरसिया, रजनीकांत तिवारी, वीरेन्द्र जायसवाल और संदीप नायक के नाम शामिल हैं। अहम बात यह रही कि रानू साहू जेल से चुपचाप पिछले गेट से बाहर निकलकर सरकारी वाहन से देवेंद्र नगर स्थित अपने पति जयप्रकाश मौर्य के घर पहुंचीं। मीडिया से बचाते हुए सभी को जेल के पिछले गेट से बाहर निकाला गया, जबकि मीडिया के लोग मुख्य द्वार पर इंतजार करते रह गए।

आपको बता दें कि जेल से रिहा होते ही सभी अफसर चुपचाप अपनी-अपनी गाड़ियों में सवार होकर रवाना हो गए। रानू साहू सरकारी वाहन से देवेंद्र नगर स्थित अपने पति जयप्रकाश मौर्य के घर पहुंचीं। उनके साथ दो बड़े ट्रैवल बैग भी थे। घर पहुंचने पर परिजनों और स्टाफ ने फूल बिछाकर उनका स्वागत किया। इसी कॉलोनी में समीर विश्नोई भी रहते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने इस शर्तों पर दी थी जमानत

Coal and DMF Scam, सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपियों को इस शर्त के साथ ज़मानत दी है कि वे आगामी आदेश तक छत्तीसगढ़ राज्य से बाहर रहेंगे। उन्हें अपने वर्तमान निवास की जानकारी संबंधित ट्रायल कोर्ट को देनी होगी। वे केवल जांच एजेंसी या अदालत के समन पर ही राज्य में प्रवेश कर सकेंगे। इसके अलावा सभी को अपना पासपोर्ट विशेष अदालत में जमा करना होगा।

गिरफ्तारी और कानूनी प्रक्रिया

ईडी ने समीर विश्नोई को 13 अक्टूबर 2022, सौम्या चौरसिया को 2 दिसंबर 2022 और रानू साहू को 22 जुलाई 2023 को गिरफ्तार किया था। बाद में इन मामलों में ईओडब्ल्यू ने भी प्राथमिकी दर्ज की थी। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद शुक्रवार शाम कोर्ट के आदेश की प्रति रायपुर सेंट्रल जेल पहुंचाई गई, जिसके बाद रिहाई की प्रक्रिया पूरी हुई।

इन आरोपियों की सुनवाई शेष

इस मामले में आरोपी सूर्यकांत तिवारी और निखिल चंद्राकर को भी सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है, लेकिन उनके खिलाफ डीएमएफ मामले में सुनवाई 18 जून को होनी है। ऐसे में फिलहाल उन्हें रिहाई नहीं मिल पाई है।

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Coal and DMF Scam क्या है?

Coal and DMF Scam छत्तीसगढ़ में एक बड़ा कथित भ्रष्टाचार का मामला है, जिसमें अधिकारियों पर कोयला परिवहन से जुड़े अवैध लेनदेन और DMF (District Mineral Foundation) फंड के दुरुपयोग का आरोप है। इस घोटाले में करोड़ों रुपये की अवैध वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) और EOW द्वारा की गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने किन शर्तों पर जमानत दी है?

सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत निम्नलिखित शर्तों पर दी: आरोपी छत्तीसगढ़ राज्य से बाहर रहेंगे। वे केवल कोर्ट या जांच एजेंसी के समन पर ही राज्य में प्रवेश कर सकते हैं। सभी को अपने वर्तमान निवास की जानकारी ट्रायल कोर्ट को देनी होगी। पासपोर्ट विशेष अदालत में जमा करना अनिवार्य होगा।

किन लोगों को रिहा किया गया है?

जिन 6 लोगों को रिहा किया गया, उनके नाम हैं: रानू साहू (निलंबित IAS अधिकारी) समीर विश्नोई सौम्या चौरसिया (राज्य सेवा अधिकारी) रजनीकांत तिवारी वीरेन्द्र जायसवाल संदीप नायक

क्या सभी आरोपी रिहा हो गए हैं?

नहीं, सूर्यकांत तिवारी और निखिल चंद्राकर को भी अंतरिम जमानत मिली है, लेकिन उनकी रिहाई DMF मामले में 18 जून को होने वाली सुनवाई के बाद ही संभव है।