रायपुर: Coal and DMF Scam, कोल और डीएमएफ (DMF) घोटाले में गिरफ्तार किए गए आधा दर्जन लोगों को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है। जिसके बाद आज सुबह उन्हे रायपुर सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया। रिहा होने वालों में निलंबित आईएएस रानू साहू, समीर विश्नोई, राज्य सेवा की अफसर सौम्या चौरसिया, रजनीकांत तिवारी, वीरेन्द्र जायसवाल और संदीप नायक के नाम शामिल हैं। अहम बात यह रही कि रानू साहू जेल से चुपचाप पिछले गेट से बाहर निकलकर सरकारी वाहन से देवेंद्र नगर स्थित अपने पति जयप्रकाश मौर्य के घर पहुंचीं। मीडिया से बचाते हुए सभी को जेल के पिछले गेट से बाहर निकाला गया, जबकि मीडिया के लोग मुख्य द्वार पर इंतजार करते रह गए।
आपको बता दें कि जेल से रिहा होते ही सभी अफसर चुपचाप अपनी-अपनी गाड़ियों में सवार होकर रवाना हो गए। रानू साहू सरकारी वाहन से देवेंद्र नगर स्थित अपने पति जयप्रकाश मौर्य के घर पहुंचीं। उनके साथ दो बड़े ट्रैवल बैग भी थे। घर पहुंचने पर परिजनों और स्टाफ ने फूल बिछाकर उनका स्वागत किया। इसी कॉलोनी में समीर विश्नोई भी रहते हैं।
Coal and DMF Scam, सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपियों को इस शर्त के साथ ज़मानत दी है कि वे आगामी आदेश तक छत्तीसगढ़ राज्य से बाहर रहेंगे। उन्हें अपने वर्तमान निवास की जानकारी संबंधित ट्रायल कोर्ट को देनी होगी। वे केवल जांच एजेंसी या अदालत के समन पर ही राज्य में प्रवेश कर सकेंगे। इसके अलावा सभी को अपना पासपोर्ट विशेष अदालत में जमा करना होगा।
ईडी ने समीर विश्नोई को 13 अक्टूबर 2022, सौम्या चौरसिया को 2 दिसंबर 2022 और रानू साहू को 22 जुलाई 2023 को गिरफ्तार किया था। बाद में इन मामलों में ईओडब्ल्यू ने भी प्राथमिकी दर्ज की थी। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद शुक्रवार शाम कोर्ट के आदेश की प्रति रायपुर सेंट्रल जेल पहुंचाई गई, जिसके बाद रिहाई की प्रक्रिया पूरी हुई।
इस मामले में आरोपी सूर्यकांत तिवारी और निखिल चंद्राकर को भी सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है, लेकिन उनके खिलाफ डीएमएफ मामले में सुनवाई 18 जून को होनी है। ऐसे में फिलहाल उन्हें रिहाई नहीं मिल पाई है।
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