Publish Date - March 8, 2025 / 02:43 PM IST,
Updated On - March 8, 2025 / 02:48 PM IST
Double Voter ID Card Case | Image Source | IBC24
HIGHLIGHTS
डुप्लिकेट मतदाता पहचान पत्र की समस्या होगा खत्म,
मतदाता सूची की सटीकता सुनिश्चित करने अहम कदम,
तीन महीने के भीतर डुप्लिकेट मतदाता पहचान पत्र होगा ख़त्म,
दिल्ली: Delhi News :भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने मतदाता सूची की सटीकता सुनिश्चित करने और इसमें सुधार के लिए एक नया और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। दशकों से चली आ रही डुप्लिकेट मतदाता पहचान पत्र (EPIC) समस्या को समाप्त करने के लिए तीन महीने की समय सीमा तय की गई है। चुनाव आयोग के अनुसार, हर मतदाता के पास केवल एक वैध मतदाता पहचान पत्र (EPIC) होना चाहिए। Double Voter ID Card Case
Double Voter ID Card Case: आयोग ने पाया कि आवंटन प्रक्रिया में गड़बड़ी के कारण कुछ मतदाताओं को डुप्लिकेट EPIC नंबर जारी किए गए थे। यह समस्या साल 2000 से चली आ रही है, जब राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में EPIC नंबर लागू किए गए थे। कुछ निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों द्वारा गलत नंबरिंग प्रणाली का पालन करने के कारण डुप्लिकेट पहचान पत्र जारी हो गए।
Double Voter ID Card Case: जिन मतदाताओं को डुप्लिकेट EPIC नंबर जारी किए गए हैं उन्हें एक नया राष्ट्रीय EPIC नंबर दिया जाएगा। नए मतदाताओं को भी विशिष्ट EPIC नंबर जारी किए जाएंगे ताकि आगे किसी भी प्रकार की डुप्लिकेसी न हो। यह प्रक्रिया अगले तीन महीनों के भीतर पूरी की जाएगी। इस कदम से मतदाता सूची को अधिक पारदर्शी और त्रुटिहीन बनाने में मदद मिलेगी।
Double Voter ID Card Case: भारत में 99 करोड़ से अधिक रजिस्टर्ड मतदाता हैं। मतदाता सूची को अपडेट करने की प्रक्रिया लगातार चलती रहती है। इसकी देखरेख जिला चुनाव अधिकारी और निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी करते हैं। इस प्रक्रिया में जनता और राजनीतिक दलों की भागीदारी भी शामिल होती है। चुनाव आयोग के इस फैसले से भारत की चुनावी प्रणाली अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बनेगी। यह कदम भविष्य में किसी भी मतदाता पहचान पत्र से संबंधित गड़बड़ी को रोकने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
"चुनाव आयोग ने डुप्लिकेट मतदाता पहचान पत्र की समस्या को दूर करने के लिए क्या कदम उठाया है?"
चुनाव आयोग ने डुप्लिकेट EPIC नंबर वाले मतदाताओं को एक नया राष्ट्रीय EPIC नंबर जारी करने का निर्णय लिया है, ताकि प्रत्येक मतदाता के पास केवल एक वैध पहचान पत्र हो।
"भारत में डुप्लिकेट मतदाता पहचान पत्र की समस्या कब से है?"
यह समस्या साल 2000 से चली आ रही है, जब राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में EPIC नंबर लागू किए गए थे।
"क्या नए मतदाताओं को भी अलग EPIC नंबर मिलेगा?"
हाँ, चुनाव आयोग ने भविष्य में किसी भी डुप्लिकेसी को रोकने के लिए नए मतदाताओं को विशिष्ट EPIC नंबर जारी करने की योजना बनाई है।
"इस प्रक्रिया को पूरा करने में कितना समय लगेगा?"
चुनाव आयोग ने तीन महीने की समय सीमा तय की है, जिसके भीतर यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
"मतदाता सूची में सुधार करने की जिम्मेदारी किसकी होती है?"
मतदाता सूची को अपडेट करने की जिम्मेदारी जिला चुनाव अधिकारी और निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी की होती है, जिसमें जनता और राजनीतिक दलों की भी भागीदारी होती है।