navratri first day 2025/ IBC24
Navratri First Day 2025: 22 सितंबर 2025, शारदीय नवरात्रि का आरंभ हो चुका है। देवी दुर्गा के नौ रूपों की भक्ति और साधना का यह विशेष पर्व मां शैलपुत्री की पूजा से प्रारंभ होता है। मां शैलपुत्री को हिमालय की पुत्री माना जाता है और वे शिवजी की अर्धांगिनी हैं। नवरात्रि के पहले दिन की पूजा से मन, मस्तिष्क और आत्मा को शुद्धि का अनुभव होता है।
Navratri First Day 2025: नवरात्रि के दौरान आप हर दिन मां दुर्गा के नौ रूपों के अनुसार विभिन्न रंगों के कपड़े पहनने चाहिए। नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित है और इस दिन सफेद रंग के कपड़े पहनने चाहिए। नवरात्रि के पहले दिन सफेद रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है।
नवरात्रि के प्रथम दिन का महत्व
बता दें कि, मां शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं, जिन्हें ‘शिवशक्ति’, ‘सत्य की प्रतीक’ और ‘प्रकृति की शक्ति’ के रूप में पूजा जाता है। बैल की सवारी करने वाली, हाथ में त्रिशूल और कमल धारण करने वाली शैलपुत्री देवी, आध्यात्मिक ऊर्जा और नवजीवन का संचार करती हैं।
मां शैलपुत्री का मंत्र है “ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः”। इसके साथ ही, आप शैलपुत्री स्तोत्र ‘वंदे वांछितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥’ मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। इसके अलावा आप ‘या देवी सर्वभूतेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥’ शैलपुत्री मां के इस मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।
माता शैलपुत्री को आप पूजा विधि-विधान से करके प्रसन्न कर सकते हैं, चलिए हम आपको पूजा विधि-विधान से कैसे करें यह बताते हैं।
स्नान और वस्त्र धारण: सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और शुद्ध सफेद वस्त्र पहनें।
कलश स्थापना: मिट्टी में जौ बोकर वेदी बनाएं, और उस पर शुभ मुहूर्त में कलश स्थापित करें।
अखंड ज्योति: माता के समक्ष घी का दीप जलाकर अखंड ज्योति प्रज्वलित करें।
गणेश पूजन: सबसे पहले गणेश जी का पूजन करें ताकि पूजा में कोई विघ्न न आए।
मां शैलपुत्री का आह्वान: लाल फूल लेकर मां का ध्यान करें और ‘ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः’ मंत्र का जाप करें।
आरती और प्रसाद: शुद्ध घी का दीप जलाकर आरती करें और गाय के दूध से बनी खीर, बर्फी या रबड़ी का भोग अर्पित करें।
क्षमा याचना: पूजा के अंत में देवी से जाने-अनजाने में हुई भूलों के लिए क्षमा मांगे।
Navrati First Day 2025: नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री को गाय के दूध और घी से बनी चीजें, जैसे खीर, रबड़ी, सफेद बर्फी, मावा के लड्डू और कद्दू के हलवे का भोग लगाना शुभ माना जाता है। मां शैलपुत्री को इन चीजों का भोग लगाने से घर में सुख-शांति आती है और जीवन के कष्ट दूर होते हैं।
Navratri First Day 2025: मां शैलपुत्री की भक्ति से साधक को न केवल मानसिक बल और धैर्य प्राप्त होता है, बल्कि यह दिन जीवन की नई शुरुआत के लिए अत्यंत प्रभावशाली होता है। शक्ति की इस उपासना से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
शैलपुत्री मां बैल असवार। करें देवता जय जयकार।
शिव शंकर की प्रिय भवानी। तेरी महिमा किसी ने ना जानी।
पार्वती तू उमा कहलावे। जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।
ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू। दया करे धनवान करे तू।
सोमवार को शिव संग प्यारी। आरती तेरी जिसने उतारी।
उसकी सगरी आस पुजा दो। सगरे दुख तकलीफ मिला दो।
घी का सुंदर दीप जला के। गोला गरी का भोग लगा के।
श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं। प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं।
जय गिरिराज किशोरी अंबे। शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे।
मनोकामना पूर्ण कर दो। भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो।