New Chief Justice of India/ image source: x handle narendra modi
New Chief Justice of India: नई दिल्ली: भारत के न्यायिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय जुड़ते हुए, जस्टिस सूर्यकांत ने देश के नए मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India – CJI) के रूप में शपथ ग्रहण की। सोमवार, 24 नवंबर 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक औपचारिक समारोह में उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। समारोह में देश की शीर्ष संवैधानिक और राजनीतिक हस्तियों ने हिस्सा लिया, जिनमें उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शामिल रहे।
New Chief Justice of India: जस्टिस सूर्यकांत ने जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई का स्थान लिया, जिनका सीजेआई के रूप में कार्यकाल 23 नवंबर 2025 को समाप्त हुआ। जस्टिस गवई लगभग साढ़े छह महीनों तक देश के शीर्ष न्यायिक पद पर रहे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसलों में भूमिका निभाई और न्यायपालिका की पारदर्शिता तथा दक्षता बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के नए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत को पदभार संभालने पर बधाई दी और उनके उज्ज्वल कार्यकाल की शुभकामनाएँ दीं।
Attended the oath taking ceremony of Justice Surya Kant as the Chief Justice of India. Best wishes to him for his tenure ahead. pic.twitter.com/62yeSlfmsx
— Narendra Modi (@narendramodi) November 24, 2025
New Chief Justice of India: नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस सूर्यकांत का कार्यकाल लगभग डेढ़ साल का होगा। वह 9 फरवरी 2027 को अपने पद से सेवानिवृत्त होंगे। वर्तमान में उनकी आयु 63 वर्ष है। सुप्रीम कोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई संवैधानिक, सामाजिक और मानवाधिकार से जुड़े मामलों में महत्वपूर्ण निर्णय दिए हैं। अपनी स्पष्ट वाणी, संतुलित दृष्टिकोण और न्यायिक समझ के कारण वे हमेशा सुर्खियों में रहे हैं।
कानून और न्याय व्यवस्था के जानकारों का मानना है कि जस्टिस सूर्यकांत के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट न केवल लंबित मामलों के बोझ को कम करने पर ध्यान देगा, बल्कि न्यायिक सुधारों, तकनीक के उपयोग और नागरिकों की न्याय तक आसान पहुँच सुनिश्चित करने पर भी जोर देगा। उनसे उम्मीद है कि वे अदालतों में पारदर्शिता, जवाबदेही और गति को बढ़ाने की दिशा में नए कदम उठाएंगे।