Statement Of Toll Tax Nitin Gadkari : नितिन गडकरी ने किया बड़ा ऐलान, पूरे देश में लगेगा एक जैसा टोल टैक्स

नितिन गडकरी ने किया बड़ा ऐलान, पूरे देश में लगेगा एक जैसा टोल टैक्स..Statement Of Toll Tax Nitin Gadkari: Nitin Gadkari made a big announcement

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  • Publish Date - February 4, 2025 / 06:28 AM IST,
    Updated On - February 4, 2025 / 09:09 AM IST

Statement Of Toll Tax Nitin Gadkari : Image Source- Nitin Gadkari X handle

दिल्ली : केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में टोल टैक्स को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है।  उन्होंने बताया कि सड़क परिवहन मंत्रालय एक समान टोल नीति पर काम कर रहा है, ताकि राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा करने वाले यात्रियों को राहत मिल सके। इस नीति के लागू होने के बाद पूरे देश में एक ही प्रकार का टोल लगेगा, जिससे यात्रियों को होने वाली समस्याओं का समाधान मिलेगा और टोल शुल्क में कोई भेदभाव नहीं रहेगा।  नितिन गडकरी ने यह भी बताया कि मंत्रालय राष्ट्रीय राजमार्गों पर एक बाधा रहित जीएनएसएस आधारित टोल संग्रह प्रणाली को लागू करने की दिशा में काम कर रहा है। इस नई प्रणाली के माध्यम से टोल टैक्स का संग्रह तेज़ और पारदर्शी तरीके से होगा, जिससे यात्रियों को टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी लाइनों से राहत मिलेगी।

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टोल शुल्क और यात्री असंतोष

Statement Of Toll Tax Nitin Gadkari केंद्रीय मंत्री ने स्वीकार किया कि अधिक टोल शुल्क और खराब सड़कों की वजह से राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा करने वालों में असंतोष बढ़ा है। उन्होंने यह भी बताया कि मंत्रालय यात्रियों की शिकायतों को गंभीरता से ले रहा है और ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। साथ ही, मंत्रालय ने यह सुनिश्चित करने का वादा किया है कि आने वाले समय में टोल टैक्स का भुगतान अधिक पारदर्शी और सरल तरीके से किया जा सके।

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टोल संग्रह में वृद्धि

Statement Of Toll Tax Nitin Gadkari नितिन गडकरी ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में टोल संग्रह में लगातार वृद्धि हो रही है। 2023-24 में टोल संग्रह 64,809.86 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों पर कुल यातायात में लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा निजी कारों का है, लेकिन इन वाहनों का टोल राजस्व संग्रह में योगदान सिर्फ 20-26 प्रतिशत है।

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सड़क निर्माण की गति

Statement Of Toll Tax Nitin Gadkari केंद्रीय मंत्री ने यह भरोसा जताया कि सड़क परिवहन मंत्रालय 2020-21 में प्रति दिन 37 किलोमीटर राजमार्ग निर्माण के अपने पिछले रिकॉर्ड को इस वित्तीय वर्ष में पार कर जाएगा। अब तक इस वित्तीय वर्ष में लगभग 7,000 किलोमीटर राजमार्गों का निर्माण हो चुका है। हालांकि, भारतमाला परियोजना के स्थान पर एक नई योजना के अभाव में राजमार्ग परियोजनाओं के आवंटन की गति धीमी हो गई है, जिस पर मंत्रालय काम कर रहा है।

एक समान टोल नीति से यात्रियों को क्या फायदा होगा?

नितिन गडकरी के अनुसार, एक समान टोल नीति के लागू होने से पूरे देश में सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर एक ही प्रकार का टोल लागू होगा, जिससे यात्रियों को अलग-अलग टोल दरों की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। इससे यात्रियों को भेदभाव से मुक्ति मिलेगी और टोल शुल्क में पारदर्शिता आएगी।

जीएनएसएस आधारित टोल संग्रह प्रणाली क्या है?

जीएनएसएस (ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम) आधारित टोल संग्रह प्रणाली एक बाधा रहित और पारदर्शी टोल संग्रह प्रणाली है। इसका उद्देश्य टोल प्लाजा पर लंबी लाइनों से राहत दिलाना और टोल संग्रह को तेज और अधिक सटीक बनाना है। यह प्रणाली यात्रियों के लिए आसान और परेशानी मुक्त यात्रा अनुभव सुनिश्चित करेगी।

टोल शुल्क में वृद्धि क्यों हो रही है?

नितिन गडकरी के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में राष्ट्रीय राजमार्गों पर अधिक खंडों पर टोल संग्रह शुरू होने से टोल शुल्क में वृद्धि हुई है। इससे यात्रियों में असंतोष बढ़ा है, लेकिन मंत्रालय इस मुद्दे पर काम कर रहा है और यात्रियों की शिकायतों को गंभीरता से लेकर ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है।

भारत में टोल संग्रह में वृद्धि क्यों हुई है?

2023-24 में टोल संग्रह में 35 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई और यह बढ़कर 64,809.86 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इसका मुख्य कारण अधिक राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल संग्रह का शुरू होना और यातायात में वृद्धि है। इसके बावजूद, गडकरी ने बताया कि निजी कारों का टोल राजस्व संग्रह में योगदान अपेक्षाकृत कम है।

सड़क निर्माण की गति में क्या सुधार हो रहा है?

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भरोसा जताया कि सड़क परिवहन मंत्रालय 2020-21 में प्रतिदिन 37 किलोमीटर राजमार्ग निर्माण के अपने पिछले रिकॉर्ड को पार करेगा। इस वित्तीय वर्ष में अब तक लगभग 7,000 किलोमीटर राजमार्गों का निर्माण हो चुका है, और मंत्रालय इस गति को और तेज करने के लिए काम कर रहा है। हालांकि, भारतमाला परियोजना की जगह एक नई योजना के अभाव में राजमार्ग परियोजनाओं की गति धीमी हो गई है।