Chhattisgarh Employees Regularization: छत्तीसगढ़ में पूरी होगी नियमितीकरण और पुरानी पेंशन बहाली की मांग! कर्मचारियों ने फिर खोला मोर्चा, सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन

Chhattisgarh Employees Regularization: छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि, राज्यभर के सरकारी विभागों में प्रमोशन, वेतन विसंगति, नियमितीकरण और पुरानी पेंशन प्रणाली की बहाली जैसे मुद्दे लंबे समय से लंबित हैं

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Reported By: Jitendra Thawait

Modified Date: June 19, 2025 / 03:46 PM IST
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Published Date: June 18, 2025 6:36 pm IST
Chhattisgarh Employees Regularization: छत्तीसगढ़ में पूरी होगी नियमितीकरण और पुरानी पेंशन बहाली की मांग! कर्मचारियों ने फिर खोला मोर्चा, सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन
HIGHLIGHTS
  • 13 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम मांगपत्र सौंपा
  • छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ

बिलासपुर :  Chhattisgarh Employees Regularization , न्यायधानी बिलासपुर में छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने आज कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर 13 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम मांगपत्र सौंपा। छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि, राज्यभर के सरकारी विभागों में प्रमोशन, वेतन विसंगति, नियमितीकरण और पुरानी पेंशन प्रणाली की बहाली जैसे मुद्दे लंबे समय से लंबित हैं, जिससे कर्मचारी वर्ग में असंतोष है।

13 सूत्रीय ज्ञापन में प्रमुख रूप से 55 साल से ज्यादा उम्र के कर्मचारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति पर रोक। पदोन्नति में आ रही बाधाओं का निराकरण। रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती, संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण और सभी विभागों में लंबित डीए और एरियर का भुगतान जैसे मुद्दे शामिल हैं। संगठन ने स्पष्ट किया कि, शासन उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं करता तो आने वाले दिनों में प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि, कर्मचारियों के हितों की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बता दें कि छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ लगातार सरकार ने इन मागों को मनवाने के लिए प्रयासरत है, अब इनकी सरकार कब तक मानेगी यह कुछ नहीं कहा जा सकता।

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छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ की प्रमुख मांगें क्या हैं?

उत्तर: इस संघ ने कुल 13 मांगें रखी हैं, जिनमें से प्रमुख ये हैं: 55 वर्ष से अधिक उम्र के कर्मचारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति पर रोक। पदोन्नति में आ रही बाधाओं का समाधान। रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती। संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण। लंबित डीए (महंगाई भत्ता) और एरियर का भुगतान। पुरानी पेंशन योजना की बहाली।

यह आंदोलन क्यों किया जा रहा है?

उत्तर: राज्यभर के सरकारी विभागों में लंबे समय से प्रमोशन, वेतन विसंगति, नियमितीकरण और पेंशन से जुड़े मुद्दे लंबित हैं। शासन द्वारा इन पर ठोस कार्यवाही नहीं होने से कर्मचारियों में असंतोष है, जिसके कारण यह आंदोलन हो रहा है।

यदि सरकार मांगे नहीं मानती तो अगला कदम क्या होगा?

उत्तर: संघ ने स्पष्ट किया है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं होती तो प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा। इसका स्वरूप बड़ा और चरणबद्ध हो सकता है, जिसमें हड़ताल या धरना-प्रदर्शन भी शामिल हो सकते हैं।

नियमितीकरण और पुरानी पेंशन योजना की बहाली का क्या मतलब है?

उत्तर: नियमितीकरण का अर्थ है संविदा (contract) पर कार्यरत कर्मचारियों को स्थायी नियुक्ति देना। पुरानी पेंशन योजना की बहाली से आशय है कि कर्मचारियों को नई पेंशन योजना की जगह पहले की पेंशन योजना के तहत लाभ दिया जाए, जिसमें सेवा के बाद स्थायी मासिक पेंशन मिलती थी।

क्या यह मांगें पहले भी उठाई गई थीं?

उत्तर: हाँ, यह कोई नई मांगें नहीं हैं। छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ लंबे समय से इन्हें लेकर संघर्षरत है और समय-समय पर ज्ञापन, धरना, प्रदर्शन आदि कर चुका है। लेकिन अब तक ठोस निर्णय नहीं लिए जाने के कारण असंतोष और आंदोलन की चेतावनी दी गई है।