Publish Date - June 8, 2025 / 01:57 PM IST,
Updated On - June 8, 2025 / 02:40 PM IST
Bhopal Love Jihad | Image Source | IBC24
HIGHLIGHTS
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने एक नया अभियान शुरू,
शहर के जिमों में हनुमान चालीसा का पाठ
जिम संचालकों से शपथलव जिहाद जैसे मामलों का नहीं करेंगे समर्थन,
भोपाल: Bhopal Love Jihad: राजधानी भोपाल के टीआईटी कॉलेज में कथित “लव जिहाद” के एक मामले के बाद विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने एक नया अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत शहर के जिमों में हनुमान चालीसा का पाठ कराया जा रहा है और जिम संचालकों से यह शपथ दिलवाई जा रही है कि वे लव जिहाद जैसे मामलों का समर्थन नहीं करेंगे।
Bhopal Love Jihad: फिलहाल इस अभियान की शुरुआत भोपाल से की गई है जहां वीएचपी ने कई जिम संचालकों को शपथ दिलवाई। संगठन का कहना है कि अब यह मुहिम प्रदेश के उन क्षेत्रों में भी चलाई जाएगी जहां कथित तौर पर लव जिहाद के मामले सामने आए हैं। वीएचपी और बजरंग दल के इस अभियान को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश सरकार में पूर्व कानून मंत्री पीसी शर्मा ने इस मुहिम पर तंज कसते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में बजरंग दल की ही सरकार है। लव जिहाद पर कानून भी इसी सरकार ने बनाया है तो फिर ऐसे अभियान की क्या जरूरत है?
Bhopal Love Jihad: उन्होंने बजरंग दल को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें बेवजह की नेतागिरी से बचना चाहिए और कानून व्यवस्था का काम प्रशासन पर छोड़ देना चाहिए। वहीं बीजेपी के प्रवक्ता शिवम शुक्ला ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा की कांग्रेस का यह बयान यह साबित करता है कि वह जिहादी सोच के साथ खड़ी है।
Bhopal Love Jihad: यह पहली बार नहीं है जब वीएचपी और बजरंग दल ने जिम संचालकों को इस तरह की समझाइश दी हो। पूर्व में भी कई बार ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। हालांकि इस बार सवाल उठ रहे हैं कि जो कार्य पुलिस और प्रशासन के करने योग्य हैं वे कार्य सामाजिक संगठन क्यों कर रहे हैं?
'लव जिहाद' के खिलाफ "कानून" मध्य प्रदेश में कब बना?
मध्य प्रदेश में 'धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2021' के तहत लव जिहाद को रोकने के लिए कानून बनाया गया है, जिसके तहत जबरन धर्मांतरण पर सजा का प्रावधान है।
क्या सामाजिक संगठनों को "कानून व्यवस्था" संभालने का अधिकार है?
नहीं, कानून व्यवस्था बनाए रखना पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी है। सामाजिक संगठन जागरूकता फैला सकते हैं लेकिन कानूनी कार्यवाही नहीं कर सकते।
क्या "हनुमान चालीसा पाठ" का जिम में आयोजन कानूनी है?
अगर आयोजन जिम संचालक की सहमति से और बिना किसी जोर-जबरदस्ती के किया गया हो, तो यह गैरकानूनी नहीं है। लेकिन यदि दबाव डालकर कराया जाए तो यह विवादास्पद हो सकता है।
क्या "लव जिहाद" पर आधारित यह अभियान पूरे राज्य में चलेगा?
विश्व हिंदू परिषद के अनुसार, यह अभियान उन क्षेत्रों में भी चलाया जाएगा जहां कथित लव जिहाद के मामले सामने आए हैं।
इस तरह के "सामाजिक अभियान" से कानून पर क्या प्रभाव पड़ता है?
यदि सामाजिक संगठन कानून की सीमाओं का पालन करते हुए जागरूकता फैलाएं तो यह सकारात्मक हो सकता है। लेकिन अगर इससे सामाजिक तनाव या कानून के उल्लंघन की स्थिति बनती है, तो यह प्रशासनिक चुनौती बन सकता है।