Cheetah in Gandhinagar Sanctuary: एमपी में चीतों को मिल गया नया आशियाना, कूनो के बाद सीएम मोहन यादव आज गांधी सागर अभ्यारण्य में छोड़ेंगे चीते

एमपी में चीतों को मिल गया नया आशियाना...Cheetah in Gandhinagar Sanctuary: Cheetahs have got a new home in MP, after Kuno, CM Mohan Yadav will

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  • Publish Date - April 20, 2025 / 07:28 AM IST,
    Updated On - April 20, 2025 / 07:28 AM IST

Cheetah in Gandhinagar Sanctuary | Image Source | IBC24

HIGHLIGHTS
  • कुनो के बाद अब गांधी सागर अभ्यारण्य चीतों का नया आशियाना..
  • गांधी सागर अभ्यारण्य में आज छोड़ो जाएंगे दो चीते..
  • CM डॉ मोहन यादव आज गांधी सागर अभ्यारण्य में छोड़ेंगे चीते..

भोपाल: Cheetah in Gandhinagar Sanctuary:  मध्यप्रदेश के वन्य जीव संरक्षण अभियान को एक और बड़ी सफलता मिलने जा रही है। कुनो नेशनल पार्क के बाद अब प्रदेश का गांधी सागर अभयारण्य चीतों का नया आशियाना बनने जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज 20 अप्रैल को यहां दो चीतों को प्राकृतिक परिवेश में मुक्त करेंगे जो वन्य जीवन को समृद्ध करने की दिशा में एक ऐतिहासिक और दूरदर्शी कदम होगा।

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गांधी सागर मध्यप्रदेश का दूसरा चीता रिहायशी क्षेत्र

Cheetah in Gandhinagar Sanctuary:  गांधी सागर अभयारण्य अब प्रदेश का दूसरा ऐसा क्षेत्र होगा जहां चीतों की बसाहट की जा रही है। इससे पहले चीतों को नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाकर कुनो नेशनल पार्क (शेओपुर) में बसाया गया था। अब इसी योजना के तहत गांधी सागर को भी विकसित किया गया है।

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वन्य जीव संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण पहल

Cheetah in Gandhinagar Sanctuary:  चीता परियोजना के तहत गांधी सागर को लंबे समय से तैयार किया जा रहा था। यहां का प्राकृतिक वातावरण, पर्याप्त शिकार, और सुरक्षित सीमाएं इसे चीतों के अनुकूल निवास क्षेत्र बनाती हैं। चीतों की रिहाई से बायोडायवर्सिटी को नया जीवन मिलेगा और पर्यावरण संतुलन मजबूत होगा।

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कहां स्थित है गांधी सागर अभयारण्य?

Cheetah in Gandhinagar Sanctuary:  यह अभयारण्य नीमच और मंदसौर जिलों में फैला हुआ है और गांधी सागर बांध के आसपास का विशाल वन क्षेत्र इसमें शामिल है। यह क्षेत्र प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता के लिए जाना जाता है।

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पर्यटन के लिहाज से भी अहम कदम

Cheetah in Gandhinagar Sanctuary: चीतों की रिहाई से गांधी सागर क्षेत्र को पर्यटन की नई पहचान मिलने की उम्मीद है। यहां सफारी, ईको-टूरिज्म, और वन्य जीवन अवलोकन को बढ़ावा मिलेगा। इससे स्थानीय रोजगार में वृद्धि होगी और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। मुख्यमंत्री मोहन यादव आज करेंगे चीतों को वन में मुक्त

 

गांधी सागर में चीतों को क्यों बसाया जा रहा है?

"गांधी सागर में चीतों को बसाने" का उद्देश्य वन्य जीव संरक्षण को बढ़ावा देना, बायोडायवर्सिटी को मजबूत करना और पर्यावरणीय संतुलन स्थापित करना है।

गांधी सागर अभयारण्य कहाँ स्थित है?

"गांधी सागर अभयारण्य" मध्यप्रदेश के नीमच और मंदसौर जिलों में फैला हुआ है, जो गांधी सागर बांध के आसपास स्थित है।

गांधी सागर में चीते कब छोड़े गए?

"गांधी सागर में चीते" 20 अप्रैल 2025 को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा प्राकृतिक वातावरण में छोड़े गए।

गांधी सागर में चीतों के लिए क्या तैयारियाँ की गईं हैं?

चीतों के लिए "गांधी सागर में" प्राकृतिक आवास, पर्याप्त शिकार, सीमित मानवीय दखल, और सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई है।

गांधी सागर चीता परियोजना से पर्यटन को कैसे लाभ होगा?

"गांधी सागर चीता परियोजना" से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, सफारी, ईको-टूरिज्म जैसी गतिविधियाँ शुरू होंगी, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।