भोपाल: Divyang Certificate Online Apply भारतीय रेलवे की सेवा का रोजाना लाखों लोग उपयोग करते हैं। चाहे वह यात्रा करने के लिए हो या पार्सल भेजने के लिए हो। वहीं, रेलवे अपने दिव्यांग यात्रियों का भी खास ध्यान रखती है, इन यात्रियों के लिए रेलवे की ओर से एक अलग ही डिब्बा आरक्षित कर दिया गया है। वहीं, अब भोपाल रेल मंडल की ओर से दिव्यांग यात्रियों के लिए एक नई सुविधा शुरू की गई है।
Divyang Certificate Online Apply दरअसल भोपाल रेल मंडल ओर से दिव्यांग यात्रियों के लिए खास सुविधा शुरू की गई है। अब दिव्यांग रियायत कार्ड बनवाने के लिए सरकारी कार्यालय के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। रेलवे ने दिव्यांग यात्रियों की समस्या का समाधान करते हुए उन्हें ऑनलाइन बनवाने की सुविधा दी है।
रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार भोपाल रेल मंडल का यह कदम सरकार द्वारा दी जा रही रियायतों का लाभ अधिक से अधिक योग्य यात्रियों तक पहुंचाने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस वित्तीय वर्ष (अप्रैल से 25 नवम्बर 2024) के बीच 518 रेलवे दिव्यांग रियायत कार्ड जारी किए गए हैं। इन रियायत कार्डों के जरिए दिव्यांग यात्रियों को किराए में छूट के साथ नियमानुसार सहायक के साथ यात्रा करने की सुविधा प्रदान की जाती है।
दिव्यांग यात्रियों को जिला चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी चिकित्सा प्रमाण पत्र, एक पासपोर्ट साइज फोटो, आधारकार्ड, जन्म प्रमाणपत्र और रियायत प्रमाणपत्र (वो व्यक्ति, जो बिना बिना के यात्रा नहीं कर सकता- डॉक्टर द्वारा प्रमाणित हो) को वेबसाइट https://divyangjanid.indianrail.gov.in पर अपलोड करना होता है।
दस्तावेजों के वेरिफिकेशन के बाद कार्ड जारी किया जाता है। इसकी सूचना आपके मोबाइल पर एसएमएस के जरिए भेजी जाती है। जारी किए गए रियायत कार्ड की जानकारी रेलवे के सॉफ्टवेयर में अपडेट कर दी जाती है, जिससे टिकट बुकिंग के समय केवल रियायत कार्ड की फोटोकॉपी दिखाकर किराए में छूट का लाभ लिया जा सकता है।
दिव्यांग कार्ड के लिए क्या है नियम
किराये में रियायत दी जाती है। विभिन्न प्रकार की विकलांगताओं के लिए 25% से 75% तक की छूट दी जाती है। इस कैटेगरी में शारीरिक, मानसिक, दृष्टिबाधित और सुनने में असमर्थ लोग शामिल हैं।
हर ट्रेन में आरक्षण के दौरान विशेष कोटा आवंटित किया जाता है। यह कोटा मुख्य रूप से स्लीपर क्लास और एसी 3-टियर कोच में होता है।
विकलांग यात्री के साथ एक एस्कॉर्ट (सहायक) सफर करता है, तो उसे भी किराए में छूट दी जाती है।
टिकट बुकिंग के दौरान प्राथमिकता दी जाती है। इसके लिए रेलवे स्टेशन पर विशेष काउंटर होते हैं।
रेलवे स्टेशन पर व्हीलचेयर की सुविधा उपलब्ध होती है। प्लेटफॉर्म पर मदद के लिए एस्कॉर्ट सेवा भी दी जाती है।
अधिकतर रेलवे स्टेशनों पर विकलांग यात्रियों के लिए लिफ्ट और रैंप की सुविधा है।
ट्रेनों में विशेष रूप से डिजाइन किए गए टॉयलेट और कोच होते है।
आसानी से टिकट बुक कर सकें, इसके लिए IRCTC की ऑनलाइन बुकिंग के दौरान विशेष सहायता प्रदान की जाती है।
दृष्टि बाधित यात्रियों के लिए रेलवे स्टेशनों पर ध्वनि-संवेदनशील संकेत लगाए जाते हैं, जो उन्हें ट्रेन की जानकारी देने में मदद करते हैं।
दिव्यांग रियायत कार्ड के लिए आवेदन करने के लिए आपको https://divyangjanid.indianrail.gov.in वेबसाइट पर जाकर अपनी जानकारी और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे।
दिव्यांग रियायत कार्ड के लिए कौन-कौन से दस्तावेज़ जरूरी हैं?
आवश्यक दस्तावेजों में जिला चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी चिकित्सा प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र और रियायत प्रमाण पत्र शामिल हैं।
क्या दिव्यांग रियायत कार्ड ऑनलाइन बनवाया जा सकता है?
हाँ, अब दिव्यांग रियायत कार्ड ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से बनाया जा सकता है, जिससे सरकारी कार्यालय के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं है।
रियायत कार्ड जारी होने के बाद इसकी जानकारी कैसे मिलेगी?
रियायत कार्ड जारी होने की सूचना एसएमएस के माध्यम से आपके मोबाइल नंबर पर भेजी जाएगी।
रियायत कार्ड का उपयोग कब किया जा सकता है?
रियायत कार्ड का उपयोग रेलवे टिकट बुकिंग के समय किराए में छूट प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है।