Reported By: Harpreet Kaur
,Farhan Khan Encounter | Image Source | IBC24
भोपाल: Farhan Khan Encounter: राजधानी के चर्चित टीआईटी कॉलेज छात्राओं से दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग मामले में अब पुलिस की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है। मुख्य आरोपी फरहान खान के कथित शॉर्ट एनकाउंटर को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं, जिस पर अब अदालत ने गंभीर रुख अपनाया है। फरहान के वकील द्वारा दर्ज की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस मामले की फोरेंसिक जांच के आदेश दिए हैं। यह जांच गांधी मेडिकल कॉलेज के फोरेंसिक मेडिसिन और मेडिको लीगल इंस्टीट्यूट द्वारा की जाएगी।
Farhan Khan Encounter: घटना 3 मई की बताई जा रही है। पुलिस का कहना है कि आरोपी फरहान को अशोका गार्डन थाना पुलिस बिलकिसगंज की ओर ले जा रही थी। रास्ते में रातीबड़ थाना क्षेत्र के सरवर गांव में फरहान ने पेशाब जाने की बात कही। पुलिस के अनुसार, इसी दौरान फरहान ने मौके का फायदा उठाकर ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों की पिस्टल छीनने की कोशिश की। छीना-झपटी में गोली चल गई, जो सीधे फरहान के पैर में जा लगी। हालांकि फरहान के वकील ने इस घटना को पुलिस की सोची-समझी साजिश बताया है। उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर करते हुए इसे फर्ज़ी एनकाउंटर बताया और मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की।
Farhan Khan Encounter: वकील का कहना है कि पुलिस आरोपी को थर्ड डिग्री देने या दबाव बनाने की नीयत से ले गई थी, और गोली मारने की घटना पहले से नियोजित थी। सीजेएम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि फरहान के एनकाउंटर प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराई जाए। इसके लिए फोरेंसिक मेडिसिन और मेडिको लीगल इंस्टीट्यूट, गांधी मेडिकल कॉलेज को जांच सौंपी गई है जिससे यह पता चल सके कि गोली कितनी दूरी से और किस एंगल से चली थी।