भोपाल: Kamal Nath left Congress due to this Reason लोकसभा चुनाव से ऐन पहले कमलनाथ ने कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने का लगभग तय कर लिया और वो सोमवार को भाजपा में शामिल हो सकते हैं। कमलनाथ के इस एक फैसले ने मध्यप्रदेश की सियासत में भूचाल ला दिया है। बताया जा रहा है कि कमलनाथ और नकुलनाथ दिल्ली के लिए भोपाल से रवाना हो चुके हैं और करीब 3.15 बजे तक दिल्ली पहुंच जाएंगे। बताया जा रहा है कि दोनों आज दिल्ली में सोनिया गांधी से भी मुलाकात कर सकते हैं। हालांकि पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने इन खबरों को खारिज कर दिया है, लेकिन सियासी तस्वीर कुछ और बयां कर रही है।
Kamal Nath left Congress due to this Reason वहीं दूसरी ओर ये खबर आ रही है कि कमलनाथ और नकुलनाथ ही नहीं बल्कि प्रदेश के कई विधायक और दिग्गज नेता भी कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो सकते हैं। बता दें कि इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया था, उन्होंने 28 विधायकों के भाजपा का दामन थाम लिया था। सिंधिया के भाजपा में जाते ही कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर गई थी और फिर से शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए थे।
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बताया जा रहा हे कि कमलनाथ का ये जख्म बहुत पुराना है। इसके लिए हमें उस दौर में जाना होगा जब सिंधिया ने कांग्रेस को झटका दिया था। बताया जाता है कि राहुल गांधी, सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने की वजह कमलनाथ को ही मानते हैं और इसी की वजह से ही विधानसभा चुनाव 2023 में राहुल गांधी खेमे के माने जाने वाले रणदीप सुरजेवाला को मध्यप्रदेश का प्रभारी बनाकर भेजा गया था। अंदरखाने की मानें तो चुनाव के दौरान भी सुरजेवाला और कमलनाथ के बीच कई बार टकराव वाली स्थिति बन जाती थी।
खबरों की मानें तो कमलनाथ अपना पूरे कुनबे के साथ भाजपा में शामिल होने वाले हैं। बताया जा रहा है कि 10 विधायक, दो महापौर (छिंदवाड़ा और मुरैना) और एक जिला पंचायत अध्यक्ष (छिंदवाड़ा) भाजपा का दामन थाम सकते हैं। अब देखना होगा कि लोकसभा चुनाव से पहले इस बड़े झटके से कांग्रेस पार्टी कैसे उबर पाती है।
कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने की खबरों के बीच नकुलनाथ ने अपने बयो से कांग्रेस हटा दिया है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस मीडिया कमेटी के अध्यक्ष के के मिश्रा ने भी प्रोफाइल फोटो बदल दी है। उन्होंने लंबे समय बाद अपने प्रोफाइल फोटो से कमलनाथ की तस्वीर हटाकर अपनी तस्वीर लगाई है।
वहीं, कमलनाथ ने विधानसभा चुनाव 2023 में मिली हार की जिम्मेदारी ली, बावजूद इसके उन्हें पीसीसी चीफ के पद से हट दिया गया और जीतू पटवारी को जिम्मेदारी सौंप दी गई। कमलनाथ को उम्मीद थी कि पार्टी उन्हें प्रदेश अध्यक्ष के पद बनाए रखेगी। वहीं, जब नेता प्रतिपक्ष के चुनाव की बात आई तो कांग्रेस पार्टी ने उमंग सिंघार पर भरोसा जताया। यानि करीब एक महीने के भीतर पूर्व सीएम कमलनाथ की उम्मीदों को दूसरी बार झटका लगा था।
अब बारी आई राज्यसभा चुनाव की, तो यहां भी कमलनाथ की उम्मीदों पर पानी फिर गया। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कमलनाथ चाहते थे कि पार्टी उन्हें राज्यसभा भेजे, लेकिन पार्टी हाईकमान ने कमलनाथ पर भरोसा जताने के बजाए अशोक सिंह को राज्यसभा भेजना उचित समझा और उनके नाम पर मुहर लगा दी। कमलनाथ की नाराजगी यहां खुलकर सामने आ गई और उन्होंने अशोक सिंह के नामांकन में शामिल नहीं होने का फैसला लिया।
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