MP Vidhansabha Chunav 2023
भोपाल। MP Vidhansabha Chunav 2023 एमपी की सियासत में दोनों दल जीत के लिए एडी चोटी का जोर लगा रहे हैं।
एमपी में आज पीएम मोदी महाकौशल के एपीसेंटर जबलपुर में थे तो प्रियंका गांधी वा़ड्रा मालवा निमाड के सेंटर प्वाइंट धार में थी। इन दोनों क्षेत्रों में कुल 104 विधानसभा सीटें हैं। यानी बढ़त बनाने के लिए पूरी जोरआजईश हो रही है। पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया और कांग्रेस के परिवारवाद को आडे हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस का भ्रष्टतंत्र वो चलने नहीं देंगे। इधर प्रिंयका गांधी ने भी भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया कहा कि बीजेपी की सरकार में 250 से ज्यादा भ्रष्टाचार हुए हैं और बीजेपी की घोषणाओं को चुनावी बताया। यानी कहा चुनाव को तो घोषणा कर रहे हैं।
MP Vidhansabha Chunav 2023 कांग्रेस ने आज फिर मालवा निमाड़ अंचल में दम भरा है। राहुल गांधी के बाद प्रियंका गांधी ने मोदी से लेकर शिवराज तक की खिंचाई की है। आदिवासियों का दर्द बयां किया है। बेरोजगारों का हमदर्द बनने की कोशिश की है। हालांकि ऐसी कोशिशें बीजेपी की तरफ से भी मालवा निमाड़ में हो रही हैं, लेकिन मालवा निमाड़ अंचल का वोटिंग ट्रेंड दोनों ही पार्टियों के लिए चैलेंज बना हुआ है। खैर दोनों ही दलों का दावा है कि मालवा निमाड़ में उन्हें ही आशीर्वाद मिलेगा।
राहुल गांधी के बाद प्रियंका गांधी भी मालवा निमाड़ अंचल में बीजेपी सरकार पर जमकर बरसी हैं। दरअसल कांग्रेस सबसे ज्यादा ताकत मालवा निमाड़ में ही लगा रही है। 66 सीटों वाले इस अंचल से कांग्रेस को बड़ी उम्मीदें हैं। कांग्रेस को लगता है कि मालवा निमाड़ में जितनी ज्यादा सीटें मिलेंगी सरकार उतनी ज्यादा सुरक्षित रहेगी। यानि पूर्ण बहुमत के लिए कांग्रेस मालवा निमाड़ में ही जोर लगा रही है। फिलहाल मालवा निमाड़ की 66 सीटों में बीजेपी के पास 33 सीटें हैं,जबकि कांग्रेस के पास 30 सीटें हैं औऱ तीन सीटें निर्दलीयों को मिली हैं।
वहीं 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मालवा निमाड़ से 28 सीटें मिली थीं,जो साल 2013 के चुनाव की अपेक्षा 28 कम थीं। 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने यहां 35 सीटें जीती थीं। हालांकि 2020 में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद हालात बदल गए औऱ कांग्रेस नंबर गेम में पिछड़ गयी। कांग्रेस का दावा है कि प्रियंका गांधी का इस अंचल में जबरदस्त असर है,यानि मालवा निमाड़ से कांग्रेस को बड़ा माइलेज मिलने वाला है।
आंकड़े देखकर साफ होता है कि मालवा निमाड़ में बीजेपी कांग्रेस के बीच नेक टू नेक फाइट है। ऐसा नहीं है कि बीजेपी इस अंचल में ताकत नहीं लगा रही। सीएम शिवराज से लेकर बीजेपी की तमाम लीडरशिप मुस्तैद हैं। लेकिन इस अंचल में जयस भी बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। क्योंकि जयस का झुकाव कांग्रेस के साथ है। जयस वो संगठन है जिसने हजारों आदिवासी युवाओं को बेहद कम वक्त में अपने दल से जन जंगल जमीन के नाम पर जोड़ लिया है। हालांकि बीजेपी ने भी जयस पर डोरे डालने की पूरी कोशिश की। लेकिन फिलहाल जयस कांग्रेस के साथ जाता हुआ नज़र आ रहा है। उधर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष प्रियंका गांधी से राहुल गांधी और कमलनाथ की वादाखिलाफी पर जवाब मांग रहे हैं।
दरअसल पिछले 6 चुनावों का ट्रेंड बताता है कि निमाड़ के धार,झाबुआ बेल्ट में एक तरफा वोटिंग परंपरा रही है। इन जिलों में थोकबंद सीटें एक ही पार्टी ले जाती है। 2018 के चुनाव में खरगोन, बड़वानी से धार तक थोकबंद कांग्रेस ने सीटें जीतकर सत्ता पाई। बाद में तख्तापलट में उससे छिटक गई,2013 में 66 सीटों में से 50 सीटें जीतकर ये कमाल भाजपा ने भी कर चुकी है। खैर मालवा निमाड़ में बीजेपी कांग्रेस के बीच मुकाबला दिलचस्प है। चुनाव होने तक आपको हमको इंतजार करना होगा कि इस अंचल में किसका जादू चलता है।