कफ सिरप विवाद: मप्र के मंत्री ने 20 बच्चों की मौत का ठीकरा तमिलनाडु सरकार पर फोड़ा

कफ सिरप विवाद: मप्र के मंत्री ने 20 बच्चों की मौत का ठीकरा तमिलनाडु सरकार पर फोड़ा

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  • Publish Date - October 9, 2025 / 12:07 AM IST,
    Updated On - October 9, 2025 / 12:07 AM IST

भोपाल, आठ अक्टूबर (भाषा) मध्यप्रदेश के मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने बुधवार को कथित जहरीले कफ सिरप के सेवन से गुर्दे में संक्रमण के कारण राज्य के 20 बच्चों की मौत के लिए तमिलनाडु सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

पटेल ने कहा कि दक्षिणी राज्य तमिलनाडु ने ‘गंभीर लापरवाही’ दिखाई है क्योंकि राज्य से बाहर जाने वाली दवाओं का निरीक्षण करना उसकी जिम्मेदारी है।

पटेल ने यह भी कहा कि मध्यप्रदेश सरकार राज्य में आने वाली दवाओं की जांच करती है, लेकिन यह ‘विडंबना’ है कि कफ सिरप के इस विशेष स्टॉक का परीक्षण नहीं किया गया।

तमिलनाडु सरकार ने एक अक्टूबर से कफ सिरप ‘कोल्ड्रिफ’ की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था और दवा की खेप को बाजार से हटाने का आदेश दिया। सिरप का निर्माण तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित एक कंपनी द्वारा किया गया था।

तमिलनाडु के खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग ने चार अक्टूबर को घोषणा की कि कांचीपुरम के सुंगुवरचतरम में निर्माण केन्द्र से एकत्र किए गए कफ सिरप के नमूने ‘मिलावटी’ पाए गए हैं, जिसके बाद कंपनी को तुरंत ‘उत्पादन रोकने’ का निर्देश दिया गया।

मध्यप्रदेश के जन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री पटेल ने कहा कि चूंकि दवा का निर्माण तमिलनाडु में किया गया था, इसलिए यह राज्य की जिम्मेदारी है कि वह दवा का निरीक्षण करे।

उन्होंने कहा, ‘ दवा के प्रत्येक बैच के लिए विश्लेषण प्रमाणपत्र (सीओए) जारी करना आवश्यक है। तमिलनाडु सरकार से कहां गलती हुई? सीओए प्रमाणपत्र जारी किया गया था या नहीं? किस अधिकारी ने गलती की यह जांच का विषय है। तमिलनाडु सरकार ने इस बात को लेकर गंभीर लापरवाही दिखाई है कि उनके राज्य से इस तरह की दवाएं कैसे आईं।’

उन्होंने कहा, ‘हम अपने राज्य में आने वाली दवाओं का निरीक्षण करते हैं। विडंबना है कि इन दवाओं का परीक्षण नहीं किया गया। हम यहां बनने वाली दवाओं का गंभीरता से निरीक्षण करते हैं।’

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार की लापरवाही गंभीर है, जिसके कारण यहां बच्चों की मौत हो रही है।

पटेल ने कहा, ‘हम केंद्र सरकार और राज्य (तमिलनाडु) सरकार को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए पत्र लिख रहे हैं।’

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने कंपनी के मालिक के खिलाफ कार्रवाई की है और राज्य पुलिस भी तमिलनाडु जा रही है।

एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि सरकार राज्य में परीक्षण प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ा रही है और प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए निजी प्रयोगशालाओं में भी परीक्षण किए जाएंगे।

गुजरात में बनने वाली एक और दवा के खराब पाए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘हम उन राज्यों की सरकारों को भी पत्र लिख रहे हैं जहां से ये दवाएं आई हैं।’

मृत बच्चों के परिजनों से मिलने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी के छिंदवाड़ा जाने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर पटेल ने कहा, ‘तमिलनाडु में सरकार कांग्रेस के समर्थन से चल रही है। राहुल गांधी को अपनी पार्टी के गठबंधन सहयोगी से सवाल करना चाहिए कि यह (त्रासदी) क्यों हुई।’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘अगर कांग्रेस इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है तो मुझे इसमें कोई साजिश की गंध आ रही है।’

मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा है कि कफ सिरप पीने से 20 बच्चों की मौत हो गई है, जबकि पांच बच्चों की हालत गंभीर है।

इस बीच, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से बातचीत में खाद्य एवं औषधि विभाग को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि उसके ‘खराब प्रशासन’ के कारण बच्चों की मौत हुई।

उन्होंने कहा कि यह अधिकारियों का कर्तव्य है कि वे हर महीने नमूने की जांच करें, लेकिन वे ऐसा करने में विफल रहे।

उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री शुक्ला पर जांच पूरी होने से पहले ही तमिलनाडु की दवा कंपनी को क्लीन चिट देने का भी आरोप लगाया और जानना चाहा कि उन्होंने किस आधार पर ऐसा किया।

उन्होंने कहा, ‘सबसे पहले, ड्रग कंट्रोलर और इंस्पेक्टर हर महीने सैंपल सर्वे करने के लिए जिम्मेदार होते हैं, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। दवा में डायथिलीन ग्लाइकोल 0.1 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए, लेकिन सिरप में यह 48.6 प्रतिशत था। ड्रग इंस्पेक्टर और कंट्रोलर यहां क्या कर रहे थे?’

उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा, जब घटना के बारे में जानकारी सामने आई तो उपमुख्यमंत्री (राजेंद्र शुक्ला) ने पहले दिन क्लीन चिट कैसे दे दी? उन्होंने किस आधार पर क्लीन चिट दी? यह सबसे बड़ी गलती है। अगर ड्रग इंस्पेक्टर और कंट्रोलर अपने कर्तव्यों का सही तरीके से पालन करते और जांच करते तो यह घटना नहीं होती।’

मंत्री पटेल के बयान पर सिंह ने कहा, ‘मुझे तमिलनाडु सरकार के बारे में जानकारी नहीं है। मुझे बताया गया है कि केंद्र सरकार से अनुमति लेनी होगी।’

मुख्यमंत्री मोहन यादव के इस बयान के बारे में पूछे जाने पर कि विपक्ष को इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए और सकारात्मक सुझाव देने चाहिए, सिंह ने कहा, ‘हम कोई राजनीति नहीं कर रहे हैं। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें। उपमुख्यमंत्री ने क्लीन चिट कैसे दी? उनका इस्तीफा लें।

भाषा ब्रजेन्द्र शोभना

शोभना