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(रिपोर्टः नासिर गौरी) भोपालः मध्यप्रदेश की संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर ने कहा है कि गरबा लव जिहाद का माध्यम बनता जा रहा है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए फरमान जारी किया है कि अब बिना पहचान पत्र दिखाए गरबा में एंट्री नहीं मिलेगी। अब सवाल ये उठता है कि गरबा पंडालों में लव जिहाद का खतरा है। संस्कृति मंत्री के बयान का आधार क्या है? क्या इस तरह के बयान से बंटवारा का माहौल नहीं बनेगा। सवाल ये भी है कि क्या ऊषा ठाकुर का फरमान लव जिहाद का समाधान करेगा।
संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने गरबा पंडालों को लेकर बड़ा बयान दिया है. मंत्री के मुताबिक गरबा पंडाल लव जिहाद का माध्यम बन चुके थे। उन्होंने गरबा आयोजकों को नसीहत भी दी कि गरबा आयोजक सतर्क और सजग रहे। बिना पहचान पत्र के गरबा पंडालों में किसी को एंट्री नहीं दी जाए। उषा ठाकुर के बयान पर अब सियासत भी शुरू हो गई है। बीजेपी अपने मंत्री के बयान के समर्थन में खड़ी नजर आ रही है, जबकि विपक्ष आरोप लगा रहा है कि इस तरह के बयान से समाज में नफरत पैदा होगा।
वैसे पिछली साल मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में गरबा करने पहुंचे मुस्लिम छात्रों पर लव जिहाद का आरोप लगा कर उन्हें जेल भेज दिये जाने पर हंगामा खड़ा हो गया था। पुलिस की कार्रवाई के बाद सवाल उठा था कि कि क्या गैर हिन्दू बच्चे अगर गरबा करते हैं तो उन्हें जेल में डाल दिया जाएगा? बहरहाल नवरात्रि से पहले संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर के बयान पर फिर विवाद बढ़ना तय है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि गरबा पंडाल में गैर हिंदुओं की एंट्री लव जिहाद को बढ़ावा दे रहा है।