सेमीफाइनल का जनादेश.. 23 के लिए क्या संदेश? क्या कहते है नगरीय निकाय चुनाव के नतीजे

Final results of Madhya Pradesh urban body elections 2022 : सेमीफाइनल का जनादेश.. 23 के लिए क्या संदेश? क्या कहते है नगरीय निकायों के नतीजे

सेमीफाइनल का जनादेश.. 23 के लिए क्या संदेश? क्या कहते है नगरीय निकाय चुनाव के नतीजे

Final results of urban body elections

Modified Date: November 29, 2022 / 08:48 pm IST
Published Date: July 20, 2022 11:17 pm IST

(रिपोर्टः नवीन कुमार सिंह) भोपालः Final results of urban body elections नगर निकाय के चुनावों को दोनों पार्टियों ने 2023 का सेमीफाइल माना था। दोनों पार्टियों ने पूरी जी-जान के साथ ये चुनाव लड़ा। सीएम से लेकर केंद्रीय मंत्रियों के साथ प्रदेश के मंत्रियों ने भी खूब पसीना बहाया। इधर कांग्रेस खुद को एकजुट करने में कामयाब रही।

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Final results of urban body elections बीजेपी ने रतलाम और देवास नगर निगम पर कब्जा जमाया तो कांग्रेस रीवा और मुरैना नगर निगम बीजेपी से छिनने में सफल रही। हालांकि कटनी में बड़ा उलटफेर देखने को मिला। यहां निर्दलीय प्रत्याशी प्रीति सूरी बीजेपी-कांग्रेस पर भारी पड़ी। 2015 में ये पांचों मेयर सीट बीजेपी को मिली थी। यानी बीजेपी मालवा छोड़ विंध्य और चंबल में अपनी सीट नहीं बचा सकी। मिशन 2023 की तैयारी में जुटी बीजेपी के लिए ये नतीजे संदेश भी है और सबक भी। पहले सिंधिया के गढ़ ग्वालियर में और अब नरेंद्र सिंह तोमर के गढ़ मुरैना और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के संसदीय क्षेत्र कटनी में कांग्रेस की कामयाबी से सवाल जरूर उठेंगे। वो भी तब जब सीएम शिवराज सहित पार्टी के स्टार प्रचारकों ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी थी। हालांकि सत्तापक्ष नतीजों को अपने पक्ष में बता रहा है।

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दूसरी ओर कांग्रेस में नतीजों के बाद उत्साह का माहौल है। सत्ता के सेमीफाइनल में 5 सीटों पर मिली सफलता कांग्रेस के लिए बूस्टर का काम करेगी। बावजूद इसके कांग्रेस को आगामी विधानसभा चुनाव से पहले चिंता करनी होगी। सिंगरौली में मेयर की कुर्सी आम आदमी पार्टी के खाते में जाना और बुरहानपुर में AIMIM की एंट्री को नजरअंदाज करना कांग्रेस को खतरे में डाल सकता है।

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पहले और दूसरे चरण का पिक्चर क्लीयर होने के बाद 16 नगर निगमों में से 9 पर बीजेपी और 5 पर कांग्रेस के .जबकि एक-एक सीट आप और निर्दलीय के खाते में गई। 2015 के मुकाबले बीजेपी को शहर में बड़ा झटका लगा है लेकिन बीजेपी ने 85 फीसदी से ज्यादा नगर पालिकाएं और नगर परिषदें जीती हैं। दूसरी ओर 5 शहरों की जीत कांग्रेस को भी संजीवनी देगी। यानी सेमीफाइनल का मुकाबला देखकर लग रहा है कि 2023 का फाइनल जबरदस्त होगा।

 


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