Guna Farmers Protest: 1350 की डीएपी 1800 में! खाद की किल्लत पर किसानों का फूटा ग़ुस्सा, सड़क जाम कर किया विरोध प्रदर्शन

1350 की डीएपी 1800 में! खाद की किल्लत पर किसानों का फूटा ग़ुस्सा...Guna Farmers Protest: DAP worth Rs. 1350 sold for Rs. 1800! Farmers got

  • Reported By: Neeraj Yogi

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  • Publish Date - May 29, 2025 / 05:26 PM IST,
    Updated On - May 29, 2025 / 05:26 PM IST

Guna Farmers Protest | Image Source | IBC24

HIGHLIGHTS
  • गुना-राधोगढ़ में खाद न मिलने से किसानों में आक्रोश,
  • सड़क पर किसानों ने लगाया जाम कालाबाजारी का लगा रहे आरोप,
  • समय पर नहीं मिल पा रहा किसानों को खाद,

गुना: Guna Farmers Protest: गुना जिले के राधोगढ़ क्षेत्र में किसानों का सब्र आखिरकार जवाब दे गया। राधोगढ़ मंडी गेट पर आज डीएपी खाद की भारी किल्लत और अव्यवस्थित वितरण व्यवस्था के खिलाफ किसानों का ग़ुस्सा फूट पड़ा। नाराज़ किसानों ने सड़क पर बाइकों की कतार लगाकर जाम लगा दिया और जमकर नारेबाज़ी की।

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Guna Farmers Protest: प्रदर्शनकारी किसानों का आरोप है कि खाद वितरण को लेकर न तो कोई पूर्व सूचना दी गई न ही पारदर्शिता बरती गई। सुबह अचानक टोकन वितरण कर केंद्र बंद कर दिए गए जिससे सैकड़ों किसान टोकन पाने से वंचित रह गए। किसानों ने खाद की कालाबाज़ारी के गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि डीएपी की सरकारी कीमत 1350 रुपये प्रति बोरी तय है लेकिन खुले बाजार में यही खाद 1700 से 1800 रुपये में बेची जा रही है। आरोप है कि खाद माफिया और कुछ असामाजिक तत्व मिलकर इसकी जमाखोरी कर रहे हैं जिससे गरीब और जरूरतमंद किसान वंचित रह जाते हैं।

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Guna Farmers Protest: प्रदर्शनकारी किसानों ने बताया कि वे सुबह से तेज धूप में लाइन में लगे रहे लेकिन अंततः उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। कई बुजुर्ग किसान भूख और प्यास से बेहाल हो गए लेकिन प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई। इस बदइंतज़ामी और असंवेदनशीलता से आक्रोशित होकर किसानों ने सड़क पर प्रदर्शन शुरू कर दिया। सड़क जाम की खबर मिलते ही पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंचा और किसानों को समझाने की कोशिश की। अधिकारियों के आश्वासन के बाद धीरे-धीरे हालात सामान्य हुए लेकिन किसानों में नाराज़गी अब भी बनी हुई है।

"डीएपी खाद वितरण में गड़बड़ी" की शुरुआत कैसे हुई?

इसका कारण टोकन वितरण की पारदर्शिता की कमी और पूर्व सूचना के बिना केंद्र बंद कर देना बताया गया, जिससे सैकड़ों किसान वंचित रह गए।

"डीएपी खाद वितरण में गड़बड़ी" को लेकर किसानों ने क्या आरोप लगाए?

किसानों ने आरोप लगाया कि खाद की कालाबाज़ारी हो रही है और माफिया तत्व जमाखोरी करके ज्यादा दामों पर बेच रहे हैं।

"डीएपी खाद वितरण में गड़बड़ी" पर प्रशासन की क्या प्रतिक्रिया रही?

प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंचे, किसानों को आश्वासन दिया गया और स्थिति सामान्य करने की कोशिश की गई।

क्या "डीएपी खाद वितरण में गड़बड़ी" के बाद किसी पर कार्रवाई हुई?

फिलहाल इस संबंध में कोई कार्रवाई की सूचना नहीं है, लेकिन किसानों ने सख्त जांच और निगरानी की मांग की है।

भविष्य में "डीएपी खाद वितरण में गड़बड़ी" से बचने के लिए क्या किया जा सकता है?

किसानों का कहना है कि पारदर्शी टोकन सिस्टम, पूर्व सूचना और स्थानीय निगरानी समिति की जरूरत है ताकि ऐसे हालात दोबारा न बनें।